- भूत-प्रेत, विकलांग और नाना प्रकार के वेश धर रखे थे बारातियों ने
बलिया : महाशिवरात्रि के मौके पर शुक्रवार को दोपहर बाद भगवान शंकर की बारात स्थानीय बालेश्वर मंदिर से गाजे-बाजे के साथ निकली. बारात में शामिल होने के लिए पुरुष, बच्चे और महिलाओं की होड़ लगी हुई थी.
बारात में जनपद के नामी-गिरामी बैंड बाजा वाले शामिल थे. शायद ही कोई बाजा वाला होगा जो इस बारात में शामिल न हुआ हो जिसकी चर्चा आम लोग करते हैं.
परंपरा के अनुसार इस बारात में बारातियों के अलावा भूत-प्रेत, विकलांग और नाना प्रकार की वेशभूषा धारण कर बाराती चल रहे थे. ऐसी बारात बच्चों के लिए मनोरंजन का साधन थी. बच्चे भी भीड़ में अपनी राह बनाने में लगे थे.
अबीर-गुलाल में सने शिव की बाराती ‘ऊं नमः शिवाय’, ‘जय शिव शंभु’, ‘हर हर बम बम’ के जयकारे लगाते हुए रास्ते से गुजर रहे थे. भूत के वेश में बाराती आकर्षण का केंद्र थे.
बालेश्वर मंदिर से निकली बारात बालेश्वर रोड होते हुए स्टेशन रोड सहित जनपद के प्रमुख मार्गो से होती हुई टाउन हॉल रोड स्टेशन होते हुए पुनः बालेश्वर मंदिर पर आकर संपन्न हुई.
रास्ते में बारातियों का स्वागत करने के लिए सड़क की दोनों तरफ लोग डालियों में फूल लेकर खड़े थे. बारात गुजरते समय सभी लोग बारातियों पर फूल छिड़ककर स्वागत कर रहे थे.
अनायास ही सब के मुंह से निकल रहा था ‘हर हर महादेव’. जनपद की स्वयंसेवी संस्थाएं, व्यापारिक संगठन तथा कुछ राजनीतिक दलों के लोग जगह-जगह बारातियों के स्वागत के लिए शिविर लगाकर खड़े थे.
बारातियों के नाश्ता एवं जलपान की पूरी व्यवस्था की गई थी. कई जगह बारातियों के लिए भोजन की भी व्यवस्था थी. लोग कह रहे थे भगवान शिव की बारात में शामिल होना तो भाग्य की बात है.