रिहायशी इलाकों में बिजनेस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सख्त

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  • पार्क और खुले मैदान के तौर पर घोषित जमीन पर कोई निर्माण न होने देने का आदेश

प्रयागराज से आलोक श्रीवास्तव

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) को आदेश दिया है कि मास्टर प्लान के तहत जोनल डेवलपमेंट प्लान तैयार होने तक रिहायशी एरिया में किसी भी तरह की व्यावसायिक गतिविधि को मंजूरी न दी जाए.

रिहायशी इलाके में बिजनेस हाउसेज के नक्शे भी न पास किए जाएं. न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ का यह भी आदेश है कि रिहायशी इलाकों में स्थित बिना पार्किंग वाले बिजनेस हाउसेज को नोटिस देकर सील कर दिया जाए.

कोर्ट ने राज्य सरकार और जिलाधिकारी को आदेश दिया है कि 2011 के मास्टर प्लान के तहत पार्क और खुले मैदान के तौर पर घोषित जमीन पर कोई निर्माण न होने दिए जाएं. यदि निर्माण हो चुका है तो उसे हटाकर 6 महीने के अंदर पार्क को बहाल किया जाए.

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प्रयागराज 10 सबसे प्रदूषित शहरों में

हाईकोर्ट ने कहा है कि पूरे विश्व में सबसे अधिक प्रदूषित 10 शहरों में प्रयागराज भी शामिल है. मास्टर प्लान के विपरीत रिहायशी इलाकों में मनमाने तरीके से बिजनेस की अनुमति दी जा रही है. यह जन स्वास्थ्य के लिए घातक है. लोगों के साफ हवा, स्वच्छ पर्यावरण एवं स्वस्थ जीवन के अधिकार का उल्लंघन किया जा रहा है.

कोर्ट ने कहा है कि नजूल भूमि पर बहुत से पार्क और खुले मैदानों को फ्री होल्ड कर वहां बिल्डिंग बनाई गई है. पार्किंग न होने से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है.

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