
बलिया. उप्र अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के उपाध्यक्ष विश्वनाथ ने कहा कि उप्र अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम ने प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय (पीएम अजय) जैसी महत्वाकांक्षी योजना लागू कर अनुसूचित जाति के लोगों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए बड़ा कदम उठाया है।
लोक निर्माण विभाग के डाकबंगला में प्रेसवार्ता कर उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत पात्रता के लिए अब आय सीमा भी समाप्त कर दी गयी है। हालांकि जिनकी वार्षिक आय 2.50 लाख रुपये या उससे कम होगी उन्हें योजनाओं का लाभ देने में वरीयता दी जायेगी। अनुदान की राशि 10 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दी गयी है।
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उन्होंने यह बताया कि वित्त एवं विकास निगम में पहले से चल रही योजनाएं अब प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय (पीएम अजय) योजना के नाम से जानी जायेंगी। इस योजना में अनुसूचित जाति के लोग व्यक्तिगत के बजाय अब क्लस्टर (समूह) में अपना प्रोजेक्ट स्थापित कर कृषि और मृदा संरक्षण, लघु, सिंचाई, बागवानी, पशुपालन, मत्स्यपालन खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प और हथकरघा, उद्योग और सेवा व्यापार (आईएसबी) आदि के तहत अपना रोजगार शुरू कर सकते है। अनुसूचित जाति के लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए यह एक बड़ा कदम है। इससे दलितों का बड़ा वर्ग उद्यमी बनकर उभरेगा।
उन्होंने बताया कि पीएम अजय स्कीम में रोजगारपरक योजनाओं के अलावा प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना तथा बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना को भी जोड़ दिया गया है। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 6171 अनुसूचित जाति बाहुल्य गाँवों को आदर्श ग्राम के रूप में चिह्नित कर 20 लाख रुपये व्यय कर पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, सामाजिक सुरक्षा, ग्रामीण सड़कें और आवास, बिजली और स्वच्छ ईंधन, कृषि कार्य वित्तीय समावेशन, डिजिटाइजेशन, आजीविका और कौशल विकास आदि की व्यवस्था होगी।
(बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट)