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ट्रांसफॉर्मर आईसीयू में, सिकंदरपुर में बिन बिजली सब सून
सिकन्दरपुर (बलिया) से संतोष शर्मा
बिजली इन्सान की मूलभूत आवश्यकताओ में से एक है. अगर एक दिन बिजली न मिले तो लगता है दिनचर्या थम सी जाती है. जब एक दिन की यह स्थिति है तो फिर आप सोचिये कि जहां पर महीनों- महीनों बिजली नहीं मिलती है उस इलाके के लोगों का क्या होता होगा? आइये आज आपको एक ऐसे इलाके से रूबरू करवाते हैं, जहां बिजली महीनों से नहीं आ रही है. जो लोग धन से मजबूत हैं, वे तो जेनरेटर से काम चला भी लेते हैं. मगर गरीबों का क्या साहेब, वे तो अमीरों की हवेली से छन कर आने वाली रोशनी को ही अपनी किस्मत मान अपना काम चला रहे हैं.
वर्तमान में समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाला बलिया जनपद का सबसे विकसित टाउन अगर किसी को कहा जाएगा तो वह शायद सिकंदरपुर ही होगा, जो समाजवादी पार्टी के कैबिनेट मंत्री मो.जियाउद्दीन रिजवी का क्षेत्र भी है. जहां विकास के बड़े बड़े दावे किए जा रहें हैं, जो आदर्श नगर पंचायत का तगमा भी लिया हुआ है. उसी विकसित आदर्श नगर पंचायत सिकंदरपुर के बस स्टेशन से मेन मार्केट और सेन्ट्रल बैंक तक के निवासी एवं दुकानदारों को ट्रांसफॉर्मर जलने के कारण महीनो से अंधेरे में रहना पड़ रहा है.
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मोहल्ले वासियों एवं दुकानदारों का कहना है कि जब ट्रांसफार्मर जल जाता है तो उसे लगने में महीनों लग जाते हैं और हर दस दिन के अंदर या लगने के तुरंत बाद ही ट्रांसफार्मर जल जाता है. महीने में चार बार ट्रांसफॉर्मर लगा है और लगने के तुरन्त बाद जल जाता है, और बार बार जलने के बाद भी सम्बंधित विभाग कर्मचारियों एवं अधिकारियों के कानों पर जू भी नहीं रेंग रहा है. यदि लोड अधिक होने से बार बार ट्रांसफॉर्मर जल जा रहा है तो उसकी क्षमता बढ़ा दिया जाए. वहीं अचम्भे की बात यह भी है कि अभी तक किसी नेता अथवा जनप्रतिनिधि ने इस सम्बन्ध में कुछ कभी सोचा ही नहीं. कुछ नेता और जनप्रतिनिधि तो सोशल मीडिया के इतने मुरीद हैं कि जरा जरा बात की फोटो सोशल साइटों पर पेस्ट करने से नहीं चूक रहे हैं. जनता की के समस्याएं ठेंगे पर रख वाहवाही बटोरने में लगे हैं. वही बिजली के लिए तरसते लोगों को इंतज़ार अब आने वाले चुनावो का है. क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि इस चुनाव का हम लोग बहिष्कार करेंगे. जब किसी जन प्रतिनिधि को हमारी समस्या से कोई फर्क नहीं पड़ता है तो फिर हम अपना वोट देकर उनको अपना जनप्रतिनिधि क्यों चुने?
जब हमने इस सम्बन्ध में क्षेत्रीय अभियंता से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने रटा रटाया जवाब देते हुए कहा कि हमने ट्रांसफॉर्मर डिमांड भेज दी है. अब जब आगे से ट्रांसफॉर्मर आएगा तभी तो हम लगवा पाएंगे. मगर जब उनसे हमने पूछा कि साहब जब लोड की अधिकता के कारण बार बार ट्रांसफॉर्मर जल जा रहा है तो आप क्यों नहीं लोड बढ़ाने का प्रस्ताव विभाग को देते हैं इस पर उन्होंने यह कहकर बात टाल दी कि बड़े साहेब इस पर विचार कर रहे हैं. वाह रे बड़े साहब! वाह रे नेता जी लोग! आप अब आइये मैदान में जनता इन्तजार कर रही है.