
बलिया। समायोजन से वंचित रह गये जनपद के 418 शिक्षा मित्रों के चेहरे पर दिन-ब-दिन मायूसी के बादल गहरे होते जा रहे है. कारण कि सूबे की सरकार इन वंचितों के लिए न तो कोई ठोस कदम उठा रही है और ना ही कोई ऐसा आश्वासन ही दे रही है, जिससे इनकों भविष्य सुरक्षित होने का आभास हो.
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उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिला महामंत्री पंकज सिंह ने सरकार के इस दोहरे चरित्र से क्षुब्ध हो संगठन के अन्य सदस्यों व पदाधिकारियों से आह्वान किया कि 03 सितम्बर को बीएसए कार्यालय प्रांगण में आहूत मीटिंग में अधिकाधिक संख्या में उपस्थित हो, ताकि आगे की रणनीति तय की जा सकें. कहा कि जब तक शिक्षा विभाग की कमान पूर्व बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविन्द चौधरी के हाथ में थी, तब तक शिक्षा मित्रों के प्रति सरकार का रवैया सकारात्मक था.
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बदलाव के बाद से ही सरकारी रवैये में दिन प्रति दिन हो रहे परिवर्तन और लेटलतीफी के कारण एक तरफ साथी समायोजित शिक्षा मित्र, जहां अच्छे वेतन व सुविधाओं के दम पर शिक्षण कार्य कर रहे है, वहीं 418 शिक्षा मित्र महज 3500 रुपये के मानदेय पर गुजर-बसर करने को मजबूर है. इससे वंचित शि़क्षा मित्रों के मन में सरकार की निष्ठा के प्रति संदेह उत्पन्न हो रहा है. संवैधानिक या मानवीय किसी भी आधार भी वंचितों को बगैर विलम्ब के सरकार को सहायक अध्यापक का दर्जा प्रदान कर देना चाहिए, ताकि सामाजिक उपेक्षा के शिकार से बच सकें.
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