जीरा बस्ती स्थित जनेश्वर मिश्र पार्क में संघ का वनविहार कार्यक्रम हुआ संपन्न

Sangh's Vanvihar program concluded at Janeshwar Mishra Park located in Zira Basti
जीरा बस्ती स्थित जनेश्वर मिश्र पार्क में संघ का वनविहार कार्यक्रम हुआ संपन्न

 

बलिया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बलिया नगर का रविवार को प्रातः 9 बजकर 30 मिनट से बलिया जिले के जीराबस्ती स्थित जनेश्वर मिश्र पार्क में वन विहार कार्यक्रम सम्पन्न हुआ, जिसमें कबड्डी, खो खो आदि खेल व शारीरिक व्यायाम कराए गए तथा मानसिक, वैचारिक और राष्ट्रीय उत्थान से जुड़ीं गतिविधियों के कार्यक्रम के साथ सहभोज का आयोजन किया गया जिसमें बच्चे, युवा, प्रौढ़ और वृद्ध सभी आयु वर्ग के स्वयंसेवकों ने उत्साह के साथ भाग लिया.
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य वक्ता विभाग प्रचारक तुलसीराम व नगर संघचालक बृजमोहन सिंह
द्वारा भारत माता, परम पूज्य डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार व परम पूज्य माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर उपाख्य श्रीगुरुजी के चित्र पर पुष्पार्चन से हुई.
इस अवसर पर मुख्य वक्ता बलिया विभाग के विभाग प्रचारक तुलसीराम ने संस्कृत के एक श्लोक गुकारस्तवन्धकारस्तु रुकार स्तेज उच्यते। अंधकार निरोधतवत गुरुरित्यभिधीयते।। की व्याख्या करते हुए गुरु की महिमा के बारे में बताया कि जो अंधकार का निरोध करता है, वही वास्तव में गुरु कहलाता है. आगे अपने बौद्धिक उद्बोधन में संघ की स्थापना, उसकी रूपरेखा एवं उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संघ के संस्थापक डा. हेडगेवार ने भारत और भारत की सनातन हिंदू संस्कृति को अक्षुण्य बनाए रखने के लिए हमें एक ऐसे संगठन से जोड़ा जो आज विश्व का सबसे बड़ा सामाजिक संगठन है.
उन्होंने बताया कि संघ की स्थापना सन 1925 में हुई थी. उस समय संघ में भगवा ध्वज नहीं था. छत्रपति शिवाजी, समर्थ गुरु रामदास जी और बजरंगबली की प्रेरणा से संघ कार्य किया जा रहा था.

संघ स्थापना के लगभग 3 वर्ष बाद सन 1928 में श्री गुरु पूर्णिमा के अवसर पर परम पूज्य डॉक्टर हेडगेवार जी की प्रेरणा से समस्त स्वयंसेवकों ने भगवा ध्वज को संघ के गुरु के रूप में स्वीकार कर संघ कार्य को आगे बढ़ाया.डॉ हेडगेवार जी का मानना था कि व्यक्ति क्षरणशील होता तथा उसका पतन हो सकता है परंतु भगवा ध्वज शाश्वत है और उसका पतन नहीं हो सकता. सतयुग में देवी देवताओं ने इसी भगवा ध्वज के तले असुरों का संहार कर धर्म की रक्षा की थी. त्रेता युग में इसी भगवा ध्वज के तले प्रभु श्रीराम ने राक्षसों का संहार कर रामराज्य की स्थापना किया था. द्वापर में इसी भगवा ध्वज के सानिध्य में धर्म के लिए लड़ा गया महाभारत का युद्ध कालजयी हो गया.अर्जुन के रथ पर यही भगवा ध्वज फहरता था. शौर्य, त्याग और तेज का प्रतीक है यह भगवा ध्वज.

उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वन विहार कार्यक्रम से नये पुराने कार्यकर्ताओं में पूरे वर्ष कार्य करने की ऊर्जा का संचार करता है.वनविहार कार्यक्रम में खेलकूद, व्यायाम, योग, सहभोज आदि कार्यक्रमों के माध्यम से भाईचारा को उत्पन्न किया जाता है तथा लोगों में सामाजिक समरसता का भाव जागृत किया जाता है. व्यक्ति श्रेष्ठ नहीं होता, बल्कि संगठन श्रेष्ठ होता है और संगठन से राष्ट्र श्रेष्ठ होता है. इसलिए भारत माता की जय बोला जाता है.उन्होंने आगे बताया कि भारत हमारी मां है, हमें इसके प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए.

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उन्होंने संघ के सभी आयामो, गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विगत 97 वर्षों से शाखा के माध्यम से देशभक्त चरित्रवान नागरिकों का निर्माण कर रहा है. उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समर्पण भाव से समाज सेवा के कार्य में लगा हुआ है. जिसके फलस्वरूप आज भारत संपूर्ण विश्व में मार्गदर्शन करने की भूमिका में आया है. समर्पण का नाम ही जीवन है.लक्ष्य प्राप्ति हेतु समर्पण आवश्यक है तभी सही दिशा प्राप्त हो सकती है.
संघ के स्वयंसेवकों को समाज और देश की उन्नति के लिए तन, मन, धन से कार्य करने की जरूरत है. स्वयंसेवक वन विहार कार्यक्रम के माध्यम से एकजुट होकर हिन्दू जनमानस को उनके नैतिक कर्त्तव्यों के प्रति जागृत करें. जिससे कि हिन्दू समाज बिना किसी भेदभाव के एक-दूसरे का साथ दें. बीज से वृक्ष बनता है और वृक्ष बनने के लिए बीज को मिट्टी में मिल जाना पड़ता है. समर्पण ही बीज की ताकत है.संघ ऐसे लोगों से चलता है जो होते तो हैं, लेकिन दिखते नहीं है.
वन विहार के कर्यक्रम के दौरान जनेश्वर मिश्र पार्क में अतिथियों द्वारा आम के वृक्ष का रोपण किया गया.

इस अवसर पर अतिथियों का परिचय नगर कार्यवाह ओम प्रकाश राय, एकलगित शिरीष व संघ की प्रार्थना प्रभात द्वारा कराया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य शिक्षक सह नगर शारीरिक शिक्षण प्रमुख भोलाजी थे.

इस अवसर पर माननीय नगर संघचालक बृजमोहन सिंह, माननीय सह नगर संघचालक परमेश्वरनश्री, जिला कार्यवाह हरनाम, विभाग शारीरिक शिक्षण प्रमुख उमापति जी, जिला सेवा प्रमुख डॉक्टर संतोष तिवारी, जिला संपर्क प्रमुख अनिल सिंह, जिला संयोजक कुटुंब प्रबंधन राम कुमार तिवारी जी, जिला प्रचारक विशाल जी, नगर कार्यवाह ओम प्रकाश राय, नगर शारीरिक शिक्षण प्रमुख चंद्रशेखर, नगर बौद्धिक शिक्षण प्रमुख अजय पाण्डेय, कृपानिधि पाण्डेय, निर्भय निरंजन उपाध्याय, वीरेंद्र सिंह जी लव पाण्डेय, दिनेश सिंह बबलू के साथ सैकड़ों स्वयंसेवक व कार्यकर्ता बन्धु उपस्थित थे.
उपरोक्त जानकारी जिला प्रचार प्रमुख मारुति नन्दन द्वारा दी गयी.