प्रदेश की राजनीति को एक नई दिशा देगा प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन-कान्हजी


बलिया. समाजवादी प्रबुद्ध सभा के बैनर तले 5 अगस्त को छोटे लोहिया के नाम से मशहूर स्व.जनेश्वर मिश्र की जयंती को समाजवादी पार्टी काफी धूमधाम से मनाने की तैयारी में है और इस मौके को पार्टी की तरफ से विधानसभा चुनावों की तैयारी के आगाज के तौर पर देखा जा रहा है।


स्व.जनेश्वर मिश्र की जन्मभूमि शुभनथही, बैरिया में इस मौके पर आयोजित होने वाले प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन को लेकर पार्टी के जिला प्रवक्ता सुशील पांडेय ‘कान्हजी’ ने कहा कि सम्मेलन प्रदेश के राजनीति को एक नई दिशा देगा.


कान्हजी ने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में आयोजित होने वाले इस प्रकार के आयोजन की शुरुआत समाजवादी योद्धा की जन्मभूमि के साथ -साथ द्वाबा की उस धरती से हो रहा है जो धरती सम्पूर्ण क्रांति में महानायक लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्मभूमि भी है. देश के दो पवित्र नदियों के संगम तट के बीच बसे द्वाबा से जब भी कोई आवाज़ उठाई गई देश और प्रदेश के लोग ने उसे सुना और तवज्जो दिया है.

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.


समाजवादी जिला प्रवक्ता सुशील पाण्डेय”कान्हजी”ने समाजवादी प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन से सम्बंधित प्रेस नोट जारी करते हुए बताया कि प्रदेश भर में कार्यक्रम का नेतृत्व करने वाले अतिथि गण माता प्रसाद पाण्डेय,मनोज पाण्डेय,प्रो. अभिषेक मिश्र और संतोष पाण्डेय, बलिया लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी सनातन पाण्डेय के दिशा निर्देशन में बलिया से कार्यक्रम स्थल के लिए चलेंगे और सर्वप्रथम देश की आज़ादी की लड़ाई के महानायक अमर शहीद मंगल पांडेय के कदम चौराहा स्थित मूर्ति को प्रणाम कर माल्यार्पण करेंगे.उसके बाद शुभनथही के लिए प्रस्थान करेंगें.


प्रदेश के सबसे पूर्वी छोर से कार्यक्रम के शुभारंभ के उद्देश्य पर प्रेस नोट में कान्हजी ने कहा कि अंधेरा को भगाने हेतु सूर्य का उदय पूरब से ही होता है. आज देश और प्रदेश में लोकतांत्रिक ढांचो को कमजोर किया जा रहा है.सामाजिक उग्रता फैलाने वाली ताकते समाज को कमजोर कर लोगों को मूल रास्ते से भटका रहे है . आज रोजगार,महंगाई ,चिकित्सा, और शिक्षा जैसे आवश्यक मुद्दों पर बोलने पर सत्ता के दंभी लोग सरकारी तंत्र के बल पर रोक लगा रहे है. कृषि प्रधान देश के किसान कई महीनों से सड़क किनारे काले कृषि कानूनों के खिलाफ टेंट में बैठे है. ऐसे में समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि वे लोग पीड़ितों की आवाज़ बनें.
(बलिया से कृष्णकांत पाठक की रिपोर्ट)