लाल निशान की ओर बढ़ती आ रही गंगा, तटवासियों में अफरा तफरी

रामगढ़(बलिया)। पहाड़ो पर हो रहे लागातार बारिश व हथिनी कुंड बैराज से छूटे पानी के चलते गंगा नदी उफान पर है. सोमवार के सुबह गंगा के मुहाने पर बना जूनियर हाई स्कूल सुघरछापरा का आधा हिस्सा गंगा के लहरों में समा गया. जिसके चलते स्कूल के शिक्षको ने स्कूल में रखे कागजात व सामानों को सुरक्षित ठौर देने में जुट गए. तो वही केहरपुर के लोगो मे भी ऑफरा तफरी का माहौल बना रहा.


बताते चले कि बर्ष 2018 में तत्कालीन सांसद भरत सिंह ने ग्राम सभा केहरपुर को गोद लिया था. तो लोगो मे उमीद जगी की अब केहरपुर गांव के अच्छे दिन आने वाले है. केहरपुर लोगो का कहना है कि अब तक सांसद से लेकर विधायक तक हम लोगो ने गुहार लगाए, लेकिन सब ने कोरा आश्वासन ही दिया. जनप्रतिनिधियों के उदासीनता के चलते केहरपुर का 28 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तकनिकी सलाहकार समिति लखनऊ से खारिज हो गया.

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हर साल गंगा की विकराल धाराएं ने कइयों के आशियाने उजाड़े तो कइयों के भूमि को अपने पेटे में समा लिया. यह देखते हुए शासन कितना आम लोगो के प्रति सजग है देखने से ही पता चलता है. उधर गंगा के लगातार बढ़ते जलस्तर से किसानों की खड़ी फसल परवल, लौकी, मक्का आदि की फसल गंगा के तराई क्षेत्रों में जाने से बर्बाद हो गयी है. गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण सुघर छपरा, चौबे छपरा, रामगढ़, गंगापुर, पचरुखिया, मझौवा, धर्मपुरा, गरया, शुक्ल छपरा, बेलहरी आदि तटवर्ती दियरे में पानी पहुँचने से कई एकड़ खड़ी फसल बर्बाद हो गयी है. जिसके कारण किसानों पर आफत आ गयी है. किसान अपने परिवार का भरण पोषण का एक मात्र खेती ही जरिया था, जो पानी मे डूब गया है. केंद्रीय जल आयोग गायघाट के अनुसार गंगा का जलस्तर 57.40 मीटर दर्ज की गई. साथ ही प्रति घंटा 6 सेंटीमीटर का बढ़ाव बना हुआ है. गंगा अपने लाल निशान को छूने को आतुर है.