शिक्षण संस्थाओं की स्थिति जेलों से भी बदतर: स्वामी चिन्मयानंद

बलिया। माध्यमिक शिक्षक संघ पाण्डेय गुट का दो दिवसीय प्रांतीय सम्मेलन 26 तथा 27 मार्च को एसएस कालेज के स्वामी शुकदेवानंद स्मृति सभागार शाहजहांपुर में सम्पन्न हुआ. मुख्य अतिथि पूर्व केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने प्रदेश की सरकारों पर तीखा हमला बोला. प्रदेश में शिक्षा की दुर्दशा पर उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाओं की हालत जेलों से भी बदतर है. स्कूल-कालेजों में जेलों जैसी सुविधाएं भी नहीं है. स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती ने दो टूक कहा कि संसाधन विहीन शिक्षण संस्थाए अच्छा परिणाम नहीं दे सकती. शिक्षा की बेहतरी के लिए सरकार को ध्यान देना होगा.

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श्री सरस्वती ने कहा कि छात्र-छात्राओं को भोजन, वस्त्र, जूते-मोजे, स्वेटर, कापी-किताबें देना अभिभावकों का दायित्व है और बच्चों को अच्छी शिक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है. सरकारें बच्चों के प्रति एक अभिभावक की भूमिका तो निभा रही है, लेकिन गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए शिक्षक उपलब्ध नहीं करा पा रही है. सरकारों ने बच्चों की पढ़ाई के लिए सभी सुविधाएं दी, लेकिन शिक्षक नहीं दिये. चिन्मयानंद ने कहा कि लाइब्रेरी, फर्नीचर, स्कूल, भवन, लैब और शिक्षकों की कमी पूरी किये बगैर शिक्षा में गुणवत्ता कैसे आयेगी.
प्रदेश अध्यक्ष अमरनाथ सिंह ने कहा कि शिक्षा का व्यवसायीकरण हो गया है, शासन और समाज शिक्षा का उद्देश्य समझने को तैयार नहीं है. शिक्षा का निरंतर पतन हो रहा है. विद्यालयों को शिक्षक सम्पन्न किये बगैर दूसरे से तुलना नहीं की जानी चाहिए वित्तविहीन शिक्षक बंधुओं मजदूरी करने को विवश है. दूसरे दिन जिला मंत्रियों, जिलाध्यक्ष के द्वारा अपने-अपने जनपद के संगठन की स्थिति तथा शिक्षकों की समस्याओं पर चर्चा हुआ. सम्मेलन में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने, वित्तविहीन शिक्षकों को सम्मानजनक मानदेय दिये जाने, बोर्ड परीक्षा के पारिश्रमिक की दरो को संगठन की मांग की तरह सीबीएसई की भांति करने, यूजीसी की भांति स्कूल ग्रांट कमिशन की स्थापना करने, राजकीय कर्मचारियों की भांति कार्यरत एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों को कैशलेश चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने आदि दर्जन भर प्रस्ताव पारित किया गया.
संगठनात्मक चुनाव में प्रतिनिधि सभा द्वारा अमर नाथ सिंह को सर्वसम्मति से पुनः प्रांतीय अध्यक्ष निर्वाचित करके उन्हें प्रदेश कार्य समिति के गठन हेतु अधिकृत किया गया है. ज्ञातत्व है कि श्री अमर नाथ सिंह वर्ष 2005 से ही पाण्डेय गुट के प्रदेश अध्यक्ष है. उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि इसके लिए मैं प्रदेश के शिक्षकों का आभार न व्यक्त करते हुए वादा करता हूं कि संगठन का जो गुरूत्तर दायित्व उन्होंने पुनः सौंपा है, उसके निर्वहन में पूरी निष्ठा से करूंगा तथा शिक्षकों के मान सम्मान तथा उनके हितों के प्रति संघर्षरत रहूंगा. 2005 से नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन दिलवाना तथा वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय दिलवाना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
समापन सत्र के मुख्य अतिथि स्वामी शुकदेवानंद पीजी कालेज के प्राचार्य डा. अजय मिश्र ने कहा कि राष्ट्र स्तर पर यूपी बोर्ड, सीबीएसई आदि का भेद मिटा कर एक समान शिक्षा, समान ग्रेड तथा समान वेतन दिया जाय. उन्होंने नई पेंशन नीति की आलोचन करते हुए कहा कि सरकार चलाने वाले लोग एक दिन के लिए भी एमएलए, एमपी चुने जाने पर अपना आजीवन पेंशन तथा परिवार पेंशन लेते है किंतु तीस से चालीस वर्ष कार्य करने वाले अध्यापक पेंशन से वंचित कर दिये जाते है. नवीन पेंशन योजनाओं में यदि अध्यापक एक लाख अपना अंशदान जमा करता है तो सेवानिवृत्त के समय उसे 10 हजार रूपये भी मिलेगा या नहीं, कहना कठिन है, क्योंकि बाजार आधारित सट्टे में उसके पेंशन का निवेश किया जाता है.
उक्त आशय की जानकारी सम्मेलन से वापस आने के पश्चात प्रांतीय उपाध्यक्ष विजय कुमार सिंह ने दी. कहा कि प्रांतीय सम्मेलन में शर्मा गुट के वाराणसी मंडल के जिला मंत्री अनिल कुमार शर्मा गुट से इस्तीफा देकर पाण्डेय गुट की सदस्यता प्रदेश अध्यक्ष अमर नाथ सिंह ने ग्रहण कराया तथा उनका स्वागत किये.