46वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धा से याद किए गए अमर सेनानी महानन्द मिश्र

बलिया। आजाद भारत के पहले कप्तान महानंद मिश्र की 46वीं पुण्यतिथि पर बापू भवन में कृतज्ञ बलियावासियों ने चढ़ायें श्रद्धा के फूल. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कल्याण परिषद की मंत्री उनकी जीवन संगिनी श्रीमती राधिका मिश्रा ने कहा कि आज देश के युवाओं में देशभक्ति जगाने की जरुरत है.
देश की सेवा करने के लिये गरीबी,अमीरी आड़े नहीं आती है. इसका संदेश पंडित जी ने अपने जीवन से दिया था.
स्वतंत्रता आन्दोलन में युवाओं को शामिल करने के लिये महंथ स्कूल के छात्रावास में हलुवा बेचना शुरु कर दिया था. इसी कमाई से परिवार का गुजारा भी होता था. 30 रुपये पूंजी से घर में ही होटल खोल दिया. उनका होटल क्रांतिकारी युवाओं का अड्डा बन गया.
सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के प्रदेश संगठन मंत्री शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने कहा कि सेनानियों के सपनों का भारत बनाने के लिए युवाओं को ड्रग, ड्रिंक और डांस की पाश्चात्य संस्कृति को छोड़कर भारतीय संस्कृति की नैतिकता, समाजसेवा को अंगीकार करना होगा.

क्रांति मैदान के बापू भवन में आयोजित स्मृति दिवस में कवि साहित्यकार फतेहचंद बेचैन ने काव्यांजलि देते हुए पढ़ा ” स्वतंत्रता की बलिवेदी हमनें जान गंवाई है ” और कहा ” सपना जवन ऊ देखलें रहलन, उ सपना अभी अधूरा बा ” अब्दुल कैश तारविद ने जोड़ा ” मेरी जिंदगी वतन के काम आ जाये, मेरे अश्क मेरे चमन के काम आ जाये. सुदेश्वर अनाम ने युवाओं को जगाया ” भारत के तरुणों जागो, आगे आओं, देश तुम्हें बुलाता है.
स्मृति दिवस पर राज्यसभा सांसद नीरज शेखर, पूर्व मंत्री नारद राय, पूर्व विधायक मंजू सिंह, संग्राम सिंह यादव, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राजमंगल यादव, सेनानी परिवार के विजय बहादुर सिंह, पारसनाथ वर्मा, डाक्टर दिनेश शंकर यादव, अरुण त्रिपाठी, महेन्द्र प्रसाद, जितेन्द्र तिवारी, प्रभु जी, सरल खरवार आदि लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित कर महानंद जी के व्यक्तित्व कृतित्व पर प्रकाश डाला.

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अध्यक्षता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के अध्यक्ष योगेन्द्र प्रसाद गुप्ता और संचालन दुबहड ब्लाक के मंत्री राघवेन्द्र पाण्डेय ने किया.