पीड़िता का न्याय आकर लटक गया मनियर थाने में…

न्यायालय ने तो आदेश कर दिया, मनियर एसओ आदेश का पालन कराएं तब न मिले पीड़िता को न्याय

सिकन्दरपुर (बलिया)। न्यायालय के आदेश को लेकर एक विवाहिता दर-दर ठोकर खाने को मजबूर है. उसे कहीं न्याय नहीं मिल रहा है. वह मनियर थाना सहित उच्चाधिकारियों के यहां दौड़ते-दौड़ते थक गई है. इसके बाद भी पुलिस न्यायालय के आदेश का पालन नहीं कर रही है. बैरिया निवासी माया गुप्ता पुत्री छितेश्वर गुप्ता ने न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय बलिया के यहां घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत एक वाद दाखिल किया था. उसने आरोप लगाया था कि उसकी शादी 15 मार्च 2014 को राकेश गुप्ता पुत्र रमाशंकर गुप्ता निवासी मनियर पूरब टोला थाना मनियर के साथ हुई थी. पीड़िता के पिता व परिवारीजनों द्वारा अपने साम‌र्थ्य के अनुसार पांच लाख रुपये खर्च किया गया था. लेकिन शादी में दिए गए दान दहेज से उसके के ससुराल वाले संतुष्ट नहीं थे.

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दहेज में आल्टो कार की मांग करने लगे. मांग पूरी न होने पर युवती को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित कर सारा सामान अपने पास रख लिए. इसके बाद घर से निकाल दिए. कोर्ट ने विपक्षी राकेश गुप्ता को आदेशित किया है कि प्रार्थनी को गृहस्थी में रहने के लिए एक व्यवस्थित कमरा उपलब्ध कराए या एक हजार रुपये किराये के रूप में प्रार्थनी को प्रतिमाह दें. पीड़िता को भरण-पोषण के लिए 15 सौ रुपये प्रति माह के हिसाब से प्रत्येक माह के 5 तारीख तक अदा करें. पीड़िता के मानसिक एवं शारीरिक यातना के एवज में 50 हजार एक मुश्त 2 माह के भीतर अदा करें. इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने हेतु आदेश की एक प्रति संबंधित जिला प्रोविजन अधिकारी व थानाध्यक्ष मनियर को उपलब्ध कराया गया.

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