विरोध ऐसा कि समर्थक भी फुसफुसाए “विरोध में दम है”
युवाओं के तेवर से द्वाबा के राजनीति गलियारे में सनसनी
बैरिया (बलिया)। विधान सभा क्षेत्र के गैर आरक्षित वर्ग के युवाओं ने आरक्षण के विरोध में मंगलवार को अंगड़ाई ली है. यद्यपि कि तैयारी तो पहले से थी, और पहले से ही युवाओं ने निश्चित कर दिया था कि कोई दुकान बंद नहीं कराई जाएगी. किसी रास्ते को जाम नहीं किया जाएगा. हम पहले अपनी आवाज तो सत्ता के शिखर तक पहुंचा लें. आखिर हमारे पूर्वज प्रथम शहीद मंगल पाण्डेय ने आजादी का जो बीज वपन किया उसका परिणाण तो आया. हम भी पहल तो करें. यूँ तो राजनीति और आन्दोलन की धरती द्वाबा से आरक्षण के खिलाफ सिंहनाद से शासन प्रशासन सकते में था. वह भी भीतर भीतर इसके विरोधात्मक तैयारी में थे. लेकिन उनके अनुमान के विपरीत हुआ. सब कुछ शान्ति पूर्वक उस अंदाज मे हुआ जैसे तूफान आने के पहले का सन्नाटा. हलचल है तो राजनीतिक गलियारे में. सवाल उठ खड़ा हुआ है कि जिन नौजवानों के कन्धे पर सवार होकर सत्ता के गलियारे तक पहुंच रहे हैं, क्या वह कंधे साथ देंगे?
आरक्षण की मार झेल बेहाल नौजवानों का दल सम्पूर्ण क्रान्ति के महानायक लोक नायक जयप्रकाश नारायण के गांव उनकी प्रतिमा पर मल्यार्पण कर कुछ संकल्पों के साथ निकल पड़ा. इस दल में वही युवा चेहरे दिखे जो सपा, भाजपा व अन्य राजनीतिक दलों के सक्रिय सदस्य थे. सवर्ण थे, गैर आरक्षित वर्ग से थे.
जयप्रकाश नगर से आरक्षण विरोधी नारा लगाते युवा कुछ दूर पैदल चल कर बाइक पर सवार हो गए. सैकड़ो बाइक का जुलूस टोला शिवन राय पहुंच कर नुक्कड़ सभा किये, फिर वहां से बाइक जुलूस बैरिया तिराहे पर पहुंच कर द्वाबा के मालवीय स्व ठाकुर मैनेजर सिंह की प्रतिमा पर मल्यार्पण कर सभा किए.
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जहां वक्ताओं ने आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग उठाई. जातिगत आधार पर आरक्षण के दुष्परिणामों के बारे मे जनता के समक्ष खुल कर विचार रखे. बैरिया की सभा के दौरान प्रशासन अनहोनी अथवा बवाल की आशंका से थथमा हुआ था. लेकिन शान्तिपूर्ण गुजरा.
उस दौरान उपजिलाधिकारी राधेश्याम पाठक, क्षेत्राधिकारी उमेश कुमार, तहसीलदार शशिकान्त मणि, कोतवाल गगन राज, थानाध्यक्ष दोकटी काफी संख्या में पुलिस व पीएसी बल के साथ मौजूद रहे. यातायात प्रवाह बिना रोक टोक जारी रहा. किसी भी दुकान को बन्द कराने की कोई कोशिश नही की गई. लेकिन युवाओं की चेतावनियां आगे के लिए सवाल छोड़ रही थी.
सभा के अन्तिम दौर में युवाओं ने उपजिलाधिकारी राधेश्याम पाठक को मुख्यमंत्री, राज्यपाल, प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. जिसमें सबके भले के लिए आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग की गई थी, मौजूदा सिर्फ राजनीति लाभ वाली आरक्षण व्यवस्था का विरोध किया गया था.
जुलूस व सभा में मुख्य रूप से दुर्ग विजय सिंह झलन, रवीन्द्र सिंह गुड्डू, निर्भय सिंह गहलौत, शैलेश सिंह, नितेश सिंह, ब्रजेश सिंह, बब्लू सिंह, बब्लू यादव, इशांत सिंह, अनिल सिंह, अमित सिंह, बब्लू उपाध्याय, रणधीर सिंह, आदित्य सिंह, सुनील सिंह पप्पू, बलराम, ग़ोलू मिश्र, दीपू सिंह, बबलू मिश्र, अमित सिंह सहित सैकड़ों युवक शामिल थे.