प्रधान बर्खास्त, सचिव सस्पेंड, गबन के धन की होगी रिकवरी

भ्रष्टाचार के मामले में जिलाधिकारी ने दिया कार्रवाई का निर्देश

बलिया। जिलाधिकारी सुरेंद्र विक्रम ने भ्रष्टाचार के एक मामले में मनियर ब्लाॅक के दिघेड़ा गांव के प्रधान शमीम अहमद को बर्खास्त करने के साथ सचिव उमेश पांडेय को निलम्बित करने का आदेश जिला पंचायत राज अधिकारी को दिया है. वहीं तकनीकी सहायक की भी संविदा की सेवा समाप्त करने का निर्देश डीसी मनरेगा को दिया है. इन सभी के विरूद्ध मुकदमा दर्ज करने के साथ 11 लाख 79 हजार 271 रूपये के सरकारी धन की रिकवरी भी की जाएगी.

विगत दो साल पहले मनियर ब्लाॅक के दिघेड़ा गांव में मनरेगा कार्याें में हुए. अनियमितता की शिकायत गांव के ही एक शिकायतकर्ता ने की थी. जांच समिति बनाकर इसकी जांच कराई गई. जांच समिति के अंतिम आख्या के आधार पर जिलाधिकारी ने उक्त कार्रवाई का आदेश दिया है. जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान शमीम अहमद को पदच्यूत करने के साथ सचिव उमेश पांडेय को नलम्बित करने का आदेश डीपीआरओ को दिया है. तकनीकी सहायक की भी संविदा की सेवा समाप्त करने का निर्देश श्रम एवं रोजगार उपायुक्त उपेंद्र पाठक को दिया है. जिलाधिकारी ने यह भी कहा है कि सभी दोषियों से 11 लाख 79 हजार 271 रूपये की रिकवरी कराई जाए. जिलाधिकारी ने डीसी मनरेगा व डीपीआरओ से स्पष्ट कहा है कि एक हप्ते के भीतर ये सभी कार्रवाई पूरी कर ली जाए.

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सोहांव के बीडीओ-एडीओ पंचायत को प्रतिकूल प्रविष्टि

जिलाधिकारी ने सोमवार को मनरेगा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, राजवित्त व 14वें वित्त के तहत हो रहे कार्यों की समीक्षा की. इस दौरान कार्य की प्रगति पर असंतोष जाहिर करते हुए जिलाधिकारी ने सोहांव ब्लाॅक के बीडीओ व एडीओ पंचायत को प्रतिकूल प्रविष्टि तथा पंदह, बेलहरी व मुरली छपरा के बीडीओ व एडीओ पंचायत को कठोर चेतावनी जारी करने का निर्देश दिया. समीक्षा में जिलाधिकारी ने विकास से जुड़े अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि मनरेगा, आवास योजना व राजवित्त/14वें वित्त योजना के कार्याें में किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार, अनियमितता, लाभार्थियों का शोषण या दलालों द्वारा धनउगाही की बात सामने आई तो सम्बन्धित अधिकारी इसके जिम्मेदार होंगे. चेताया कि शिकायत सही मिली तो चेतावनी नहीं, बल्कि सीधे निलम्बन होगा.