प्रधान मंत्री आवास योजना में चयन में अधिकारी कर रहे टाल मटोल

लोक नायक के ग्राम पंचायत की महिला प्रधान रूबी सिंह ने सीएम, पीएम को भेजी पाती, बताया जमीनी हकीकत

बैरिया(बलिया)। प्रधान मंत्री आवास योजना में चयन के समय अधिकारियों द्वारा पैदा की जा रही अड़चनों से आहत विकास खण्ड मुरली छ्परा के कोड़रहा नौबरार ग्राम पंचायत की प्रधान रुबी सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर विसंगति दूर करने की मांग की है.
पत्र मे ग्राम प्रधान ने उल्लेख किया है हमारा ग्राम पचांयत सम्पूर्ण क्रान्ति के प्रणेता लोक नायक जयप्रकाश नारायण कि ग्राम पचांयत है.

यह ग्राम पचांयत गगां के कटान के पेटे में है. यहां की अधिकांश आबादी कृषि व कृषि मजदूरी पर जीवन बसर करती है. बाढ़ के कारण पूरे वर्ष मे एक ही फसल (रबी की खेती) किसानों की हो पाती है. मकान के अभाव के कारण चार चार, पाचं पांच भाइयों का परिवार एक ही मकान में गुजर करता है.

प्रधानमंत्री आवास पाने के लिए एक हजार जरूरतमन्द लाभार्थियों का आवेदन भी मुझे प्राप्त है. इतने लोगो को आवास उपलब्ध कराना जब तक सरकार नही चाहेगी तब तक सम्भव नही हो सकता है. यहां पर पात्रों के चयन में त्रुटि हुई है. क्योंकि ऐसे लोग की सख्यां अधिक है, जो भूमीहीन, बोरोजगार और मकान विहीन हैं. ऐसे लोग पात्रों की सूची से बाहर है. परिणामस्वरूप काफी संख्या में वास्तविक पात्र प्रधानमंत्री आवास योजना से वचिंत हो जा रहे है.

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अधिकारी भी वास्तविक पात्रों की बात नही सुन रहे हैं. अब जरूरतमन्दो को आवास मिले इसके लिए अधिकारियों को जब तक आदेश नही मिलेगा तब तक प्रधान मंत्री आवास की सार्थकता पूर्ण नही हो पायेगी.

सम्पूर्ण क्रान्ति के प्रणेता के ग्राम पचांयत वासियों को आवास मिले तो यह जयप्रकाश नारायण के सम्मान का द्योतक होगा.

लोक नायक के गांव की महिला प्रधान ने भेजे गए पत्र में यह रेखांकित किया है कि प्रधान मन्त्री आवास के पात्रों का चयन ग्राम प्रधानों के माध्यम से ही कराया जाय, उस सूची का सक्षम अधिकारी से कराया जाय. यह भी लिखा है कि भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ग्राम पंचायतों में आवास की संख्या बढ़ाई व घटाई जाय. उदाहरण दिया है कि हमारे ग्राम पंचायत में आवास की संख्या कम स्वीकृत है. जबकि वास्तव में इस योजना का लाभ पाने लायक पात्रों की संख्या अधिक है.