बेधती ठंड में कम्बल पाकर गरीबों के चेहरों पर दिखी राहत की झलक

तहसील परिसर में कैम्प लगा कर विधायक सुरेन्द्र ने बांटे लगभग एक हजार कम्बल

बोले- पहुंचता रहेगा गरीबों तक उनका हक, करते रहेंगे उनके लिए संघर्ष

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बैरिया(बलिया)। स्थानीय तहसील परिसर में बृहस्पतिवार को कैम्प लगा कर विधायक सुरेन्द्र नाथ सिंह, उपजिलाधिकारी राधेश्याम पाठक, व तहसीलदार शशिकान्त मणि ने तहसील क्षेत्र के लगभग 1 हजार गरीबों व असहायों में सरकार के तरफ से आये कम्बल का वितरण किया. इस अवसर पर सुबह से ही तहसील परिसर में दूर दराज गांवों से लोगों का आना शुरू हो गया. भीषण ठंड के दरम्यान ही उचित समय पर कम्बल पाकर गरीबों को राहत महसूस करते देखा गया. कम्बल लेने आने वालों में महिलाओं की संख्या अधिक रही.
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार अपनी सारी महात्वाकांक्षी योजनाओं को धरातल पर देखना चाहती है, और आप सब महसूस भी कर रहे होगे कि पिछली सरकारों की तुलना में सुविधाएं बेहतर हैं और लोगों तक पहुंच रही हैं. यहां के गरीबों के लिए सार्वजनिक वितरण व्यवस्था चुनौतीपूर्ण था. गरीबों के खाद्यान्न की कालाबाजारी होती थी. लेकिन अब यह व्यवस्था सुधर गई है. कहीं से शिकायत मिलते ही तुरत कार्यवाही हो रही है. विधायक ने कहा कि धीरे धीरे सब पटरी पर आ जाना है. पात्रो को हर सरकारी सुविधाओं का लाभ समय रहते पहुंचाया जाएगा. इसके लिए सभी सम्बन्धित सरकारी अधिकारी, कर्मचारी तत्पर हैं. उन्हें निर्देश दिया गया है कि लापरवाही अक्षम्य होगी. इस अवसर पर उपजिलाधिकारी राधेश्याम पाठक ने सरकारी योजनाओं को समय रहते लागू कराने, सुविधाएं लोगो तक पहुचाने के प्रति आश्वस्त किया. इस अवसर पर तहसीलदार शशिकांत मणि, थानाध्यक्ष गगन राज सिंह, विजयबहादुर सिंह, अमिताभ उपाध्याय,शक्ति सिंह, जेपी मिश्र, बड़क सिंह, प्रशान्त उपाध्याय, हरिकंचन सिंह, रामाकान्त पाण्डेय, पंडित नर्वदेश्वर मिश्र, नन्दजी सिंह, कामेश्वर तिवारी, जैनेन्द्र सिंह लाला, मुन्ना कुंवर, शैलेश सिंह, अमित सिंह, निखिल उपाध्याय आदि सैकड़ो लोग मौजूद रहे.
कनफुसिया
तहसील परिसर में आए बहुत लोगों मे यह फुसफुसाहट थी कि पिछले वर्षों कम्बल वितरण ग्राम पंचायत स्तर पर प्रधान व लेखपालों द्वारा होता था. बैरिया तहसील क्षेत्र दूर दूर तक फैला है. ऐसे मे यही कैम्प ग्राम पंचायत अथवा न्याय पंचायत स्तर पर पर लगा कर उसी क्षेत्र के लोगों मे वितरित होता तो अच्छा रहता. कम से कम इस भीषण ठंड मे दूर से आने की परेशानी तो नहीं उठानी पड़ती.