मसिक समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों के कसे पेंच

बलिया। जिलाधिकारी सुरेंद्र विक्रम ने समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को चेतावनी दी है कि अब अपनी विभागीय योजनाओं की प्रगति में सुधार लाएं, अन्यथा शासन स्तर से कार्रवाई के लिए तैयार हो जाएं. वे कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को नवम्बर माह की मासिक समीक्षा बैठक ले रहे थे. इस दौरान उन्होंने विभागवार प्रगति की जानकारी अधिकारियों से ली और आधा दर्जन अधिकारियों की तगड़ी क्लास भी लगाई. 

मनरेगा की स्थिति की समीक्षा के दौरान मात्र 36 प्रतिशत प्रगति मिलने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए डीसी मनरेगा उपेंद्र पाठक को जमकर फटकारा. कहा कि जिन गांवों में मनरेगा की स्थिति खराब है उसकी सूची दें, ताकि सम्बन्धित एपीओ, प्रधान, सचिव, रोजगार सेवक या अन्य जिम्मेदार पर कार्रवाई की जा सके. उन्होंने प्रगति में सुधार लाने के तरीके भी बताए. कहा कि 15 दिवसीय अभियान तय करें और उसके हिसाब से कार्य सुनिश्चित कराएं। छात्रवृत्ति योजना, सभी प्रकार की पेंशन योजना आदि की भी समीक्षा की. कहा कि छात्रवृत्ति योजना में समयान्तर्गत सभी कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए. जल निगम की समीक्षा के दौरान बताया गया कि बिजली की दिक्कतों से पानी टंकी संचालन में बाधा आती है. इस पर जिलाधिकारी ने विद्युत एक्सईएन को निर्देश दिया कि जल निगम व नलकूप वालों से समन्वय बनाकर ऐसा कार्य करें जिससे पानी सप्लाई व किसानों को सिंचाई में असुविधा न हो.

जिलाधिकारी ने विद्युत आपूर्ति के बारे में पूछताछ की। कहा कि सौभाग्य योजना के तहत जिले में कनेक्शन बढ़ाए जाएं. दिसम्बर में लक्ष्य के सापेक्ष 60 प्रतिशत कनेक्शन हो जाने चाहिए. पीएम आवास योजना के सम्बन्ध में कहा कि यह सरकार की प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों में एक है. निर्देश दिया कि लाभार्थियों को समयान्तर्गत किस्त भेजी जाए। ध्यान रहे कि इसमें कोई लापरवाही हुई तो दोषी बख्शे नही जाएंगे. डूडा के अधिकारी से पीएम आवास योजना (नगरीय) की प्रगति की जानकारी ली. बैठक में सीडीओ संतोष कुमार, सीएमओ डाॅ एसपी राय समेत अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे.

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निर्माण कार्यों में देरी पर नाराजगी

जिलाधिकारी ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में कार्यदायी संस्था व अन्य अधिकारियों संग बैठक कर निर्माणाधीन कार्यों की समीक्षा की. स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत बन रहे भवनों के निर्माण में देरी पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए राजकीय निर्माण निगम के जेई लल्लन यादव को जमकर फटकार लगाई. कहा कि दो महीने बाद समीक्षा होगी. अगर अपेक्षित सुधार नही दिखा तो उच्चाधिकारियों को कार्रवाई के लिए पत्र भेजा जाएगा. इसके अलावा जिले में निर्माणाधीन अन्य भवनों के निर्माण की प्रगति की जानकारी ली. सख्त निर्देश दिया कि विभागीय अधिकारी भी अपनी विभागीय निर्माण कार्यों को देखते रहें और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देते रहें.