किसान पाठशाला की हुई शुरुआत, 163 स्कूलों पर चली किसानों की क्लास

बलिया। द मिलियन थॉमस स्कूल (किसान पाठशाला) का दो चरणों में आयोजन होगा. इस अभियान के पहले चरण की शुरुआत मंगलवार को हुई. जिले के कुल 163 स्कूलों किसानों की क्लास चली. मास्टर ट्रेनरों ने बकायदा एक शिक्षक के रूप में किसानों को खेती के लाभप्रद टिप्स बताए और पहले से निर्धारित विषय पर किसानों को कृषि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई.

इस अभियान के तहत किसान पाठशाला का दूसरा चरण 11 से 15 दिसंबर तक चयनित ग्राम पंचायत के प्राइमरी या उच्च प्राइमरी स्कूल पर होगा. किसानों को अपराह्न 3:30 बजे से 4:30 बजे तक 1 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा. किसानों के बैठने की व्यवस्था करने का निर्देश बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिया गया है.     जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना को सफल बनाने के लिए अपना योगदान देने का निर्देश दिया है.

बता दें कि हर न्याय पंचायत की ऐसी 2 ग्राम पंचायतों को चुना गया है, जो किसी के क्षेत्र में पीछे हैं. इन ग्राम पंचायतों में किसान पाठशाला का आयोजन किया जा रहा है. मास्टर ट्रेनर के रूप में तकनीकी सहायक, सहायक तकनीकी मैनेजर व ब्लॉक तकनीकी मैनेजर लगाए गए हैं. किसान पाठशाला के लिए इनको अलग से प्रशिक्षित किया गया है.

नोडल अधिकारियों ने किया निरीक्षण

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किसान पाठशाला के आयोजन की स्थिति का निरीक्षण करने के लिए दो या तीन न्याय पंचायत पर एक नोडल अधिकारी भी तैनात किए गए हैं, जो निरंतर भ्रमण कर किसान पाठशाला के आयोजन की स्थिति को देखेंगे. मंगलवार को पहले दिन नोडल अधिकारियों ने अधिकांश स्कूलों पर भ्रमण भी किया. उप कृषि निदेशक इंद्राज, भूमि संरक्षण अधिकारी संजय श्रीवास्तव, जिला कृषि अधिकारी जेपी यादव समेत अन्य नोडल अधिकारियों ने विभिन्न स्कूलों का निरीक्षण कर मास्टर ट्रेनरों द्वारा निर्धारित विषय पर दी जा रही ट्रेनिंग का जायजा लिया.

किसान पाठशाला का ये है पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

 किसान पाठशाला के अंतर्गत पांच दिवसीय प्रशिक्षण में प्रत्येक दिवसवार विषय निर्धारित किया गया है.  विषयों के बारे में मास्टर ट्रेनर किसानों को विस्तृत जानकारी देंगे. पहले दिन फसल चक्र एवं जनपद में रबी की प्रमुख फसलों, मुख्य प्रजातियों व बीजों पर अनुदान, मृदा स्वास्थ्य सुधार एवं हेल्थ कार्ड, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण व टिकाऊ खेती, जीरो बेस एग्रीकल्चर एवं जैविक खेती आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी. दूसरे दिन कृषि निवेश जैसे बीज, उर्वरक, कीटनाशक का महत्व, कृषि यंत्रीकरण, सोलर पंप, जल प्रबंधन एवं ड्रिप स्प्रिंकलर सिंचाई के साथ मत्स्य पालन, कुक्कुट पालन, पशुपालन व दुग्ध उत्पादन की व्यवहारिक जानकारी एवं पशुपालन विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया जाएगा. तीसरे दिन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, रुपे कार्ड, मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना व कृषि विभाग द्वारा किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में बताया जाएगा. चौथे दिन औद्योगिक फसलों का महत्व, उद्यान विभाग की योजनाएं, पोस्ट हार्वेस्ट तकनीकी एवं मूल्य संवर्धन की जानकारी, खाद्य प्रसंस्करण के अंतर्गत उत्पादों की ग्रेडिंग पैकेजिंग, प्रोसेसिंग और विपणन एवं किसानों की आय दोगुना करने की रणनीति के साथ ई-बाजार के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी. किसान पाठशाला के पांचवें व अंतिम दिन कृषि रक्षा का महत्व, एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन, कृषि लागत घटाने के उपाय, शासकीय अनुदानों की डीबीटी प्रक्रिया, कृषक विचार विमर्श, पारदर्शी किसान सेवा योजना के बारे में मास्टर ट्रेनर बताएंगे.