खुले में कोई खाद्य पदार्थ बेचे तो करें कार्रवाई : जिलाधिकारी

बलिया। जिलाधिकारी सुरेंद्र विक्रम ने कहा है कि कोई भी खाद्य पदार्थ या मिठाई आदि खुले में रखकर नही बिकनी चाहिए. शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की जिला स्तरीय कमेटी की बैठके में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि अगर कोई दुकानदार खुले में कुछ बेचता हो तो सख्ती से कार्रवाई करें.

जिलाधिकारी ने कहा है खाद्य सामग्री शीशे या ट्रांसपेरेंट प्लास्टिक के अंदर ढककर रखा जाए. खुले में रखने से उसके ऊपर मक्खियां बैठती हैं व धूल आदि पड़ती है, जिसे खाने से बीमारियों के फैलने का खतरा रहता है. उन्होंने कहा इस संबंध में दुकानदारों को सख्त हिदायत दी जाए तथा उन्हें जागरुक भी किया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई खुले में रखकर खाद्य पदार्थ /मिठाई आदि बेचते हुए पाया जाय तो उसके विरुद्ध सम्बन्धित एक्ट के अंतर्गत कठोर कार्रवाई की जाए. मिलावटी खाद्य पदार्थों की सघन चेकिंग की जाय, नमूने लिए जाएं और जांच में सही नही मिलने पर कार्यवाही की जाए. इस संबंध में स्कूलों में जागरुकता अभियान चलाने को कहा. यह भी कहा कि व्यापार मंडल के माध्यम से भी व्यापारियों में जागरूकता अभियान चलाया जाए. बड़े लेवल पर जहां मिलावट हो रही हो, वहां पर ज्यादा से ज्यादा फोकस किया जाए और ऐसे लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाय. उन्होंने कहा ब्रांडेड /नान ब्रांडेड, पैकेटबंद /खुला खाद्य सामग्री की भी चेकिंग की जाए तथा विक्रेताओं को भी खाद्य पदार्थों की सुरक्षा के लिए सेन्सटाइज किया जाए. जिलाधिकारी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अंतर्गत आने वाले खाद्य एवं औषधि विक्रेताओं को लाइसेंस व पंजीकरण कराने को प्रोत्साहित करें. खाद्य कारोबारकर्ता तथा फल विक्रेता, राइस मिलर ,सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत आने वाले खाद्य कारोबार करने वाले, ट्रांसपोर्टर, आबकारी दुकानों आदि को एफएसएस एक्ट 2006 के अंतर्गत लाइसेंस /पंजीकरण के लिए ऑनलाइन व्यवस्था का प्रचार प्रसार किया जाए. लाइसेंस के समय से नवीनीकरण कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. उपभोक्ता हितों के संरक्षण तथा मिलावटी, असुरक्षित, मिथ्याछाप खाद्य पदार्थों की बिक्री को रोकने के प्रभावी कदम उठाए जाए. उन्होंने कहा कि मिड डे मील योजना के तहत विद्यालयों को दिए जाने वाले खाद्य पदार्थों की बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए. सब्जी एवं फल की गुणवत्ता की सख्त निगरानी रखी जाए. जिलाधिकारी ने जोर देते हुए कहा आम जनमानस योजना के अंतर्गत उपभोक्ताओं एवं खाद्य कारोबारकर्ताओं को स्वत:अपने उत्पादों की जांच के लिए प्रेरित किया जाए. जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि स्ट्रीट फूड वेंडर्स को अपने ठेले इत्यादि को सुरक्षित स्थान पर खड़ा कर, ढककर एवं ताजे तथा स्वास्थ्य कर तरीके से खाद्य पदार्थों का विक्रय करने के प्रोत्साहित किया जाय. विक्रेताओं और उपभोक्ताओं में जागरूकता पैदा की जाए. दुग्ध पदार्थ बिक्रय प्रतिष्ठानों का नियमित निरीक्षण किया जाए एवं साफ सफाई तथा खाद्य पदार्थों को सुरक्षित रखने हेतु जागरुक किया जाए. उन्होंने भी निर्देश दिए कि सभी खाद्य एवं औषधि कारोबारकर्ताओं को क्रय- विक्रय से संबंधित अभिलेख बनाने एवं उसको सुरक्षित रखने हेतु जागरूक किया जाय. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के प्रभारी अधिकारी /नगर मजिस्ट्रेट मनोज कुमार पांडे ने निर्देश दिए की औचक निरीक्षण किया जाए. यह कार्य टीम बनाकर किया जाए. समिति द्वारा प्रत्येक त्रैमास में बैठक अवश्य आयोजित की जाय. उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के कार्यों में पारदर्शिता ,उत्तरदायित्व एवं एकरूकता लाने हेतु स्टाक होल्डर्स एवं जन सामान्य की सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए. उन्होंने कहा कि अपमिश्रित खाद्य पदार्थों एवं नकली, अधोमानक एवं मिथ्याछाप औषधियों के निर्माण एवं विक्रय की रोकथाम हेतु स्थानीय आवश्यक्ताओं के अनुरूप अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन रणनीति तैयार करके क्रियान्वन किया जाए. बैठक में व्यापार मंडल के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए.

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