अइसन धिया पर काहें ना अगराई बलिया, दीवाली से पहले ही बेटियों ने किया पूर्वांचल उजियार

बलिया की तीन बेटियां पीसीएस जे में चयनित

बलिया। जिले के तीन अलग-अलग गांवों की तीन बेटियों ने यूपी पीसीएस (जे) की परीक्षा उत्तीर्ण कर गांव, जवार व जनपद को इस साल दीपावली का अद्वितीय उपहार दिया है. गांव में तो जानकारी होने के बाद गजब का जोश उमड़ पड़ा है. लोग अपनी बेटियों को लेकर सुनहरे सपनों का ताना बाना सा बुनने लगे है. हर ओर से मानो इस दीपावली के इस उपहार से एक नई चेतना सी आ गयी है. पिछले कुछ समय से बलिया में हुए कुछ अप्रत्याशित घटनाक्रमों से सहम से गए बेटियों के घर वालों में जैसे एक नई चेतना का संचार सा हो उठा है. कहा जा सकता है कि पढ़ेंगी बेटियां तभी बढ़ेंगी बेटियां. इसे भी पढ़ें – पीसीएस ( जे ) 2016 का परिणाम जारी, लखनऊ की स्वरांगी शुक्ला ने पहले प्रयास में किया टॉप

बलिया की बेटियों के लिए स्वर्णमाला का सन्देश यह है कि लक्ष्य ऊंचा बनाओ, और उसे प्राप्त करने के लिए तैयारी करो. समय का सदुपयोग करो.

हम सबसे पहले बात करते हैं बलिया से कुछ ही दूर स्थित घोड़हरा गांव के सामाजिक कार्यकर्ता अक्षय कुमार सिंह की बेटी स्वर्णमाला सिंह की. अभी बीते सप्ताह स्वर्णमाला ने झारखंड पीसीएस जे की परीक्षा उत्तीर्ण की थी कि इस सप्ताह यूपी पीसीएस (जे) में भी अपना परचम लहरा कर बलिया की माटी के मेधा को प्रमाणित किया. स्वर्णमाला को 26 वां रैंक हासिल हुआ है. स्वर्णमाला अपनी इण्टरमीडिएट तक की पढ़ाई अमृतपाली होलीक्रॉस कान्वेंट से पूरी करने के बाद एमेटी से कानून की डिग्री हासिल की. फिलहाल वह हैदराबाद स्थित स्विट्जरलैंड की मेडिसिन कम्पनी में लीगल एडवाइजर पद पर कार्यरत है. पहली बार दोनो परीक्षा में बैठी और चयनित कर दिखाई. 

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बलिया की बेटियों के लिए अंकिता का छोटा सा सन्देश है कि सफलता का कोई शॉर्टकट रास्ता नहीं होता. तैयारी करें, परिश्रम परिणाम देता है.

दूसरी बेटी बैरिया तहसील क्षेत्र के जमालपुर गांव के अवकाश प्राप्त शिक्षक दयाशंकर सिंह की पौत्री अंकिता सिंह है. अंकिता को 80 वां रैंक मिला है. लखनऊ के मॉडर्न इण्टर कॉलेज से 12वीं की पढाई पूरी करने के बाद एमीटी से ला की पढ़ाई करने वाली अंकिता ने पहले ही प्रयास में यह सफलता पाई है. अंकिता के पिता परशुराम सिंह पुलिस इंस्पेक्टर हैं. माँ अरुणा सिंह गृहणी व भाई प्रखर सिंह पुणे से बीटेक कर रहा है. जमालपुर में मास्टर साहब के दरवाजे पर पहुंच कर लोग बधाई दे रहे हैं. 

बलिया की बेटियों के लिए प्रिया कुमारी राय का संदेश है कि अगर दृढ़ इच्छाशक्ति व लक्ष्य को साधने का ललक हो तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है.

वहीं यूपीपीसीएस (जे) 2016 में जनपद के नरही गांव निवासी प्रिया कुमारी राय ने 69 वां रैंक प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया है.
प्रिया का चयन यूपी सिविल जज जूनियर डिवीजन के पद पर हुआ है. प्रिया की सफलता से उनके गांव नरही सहित पूरे गडहांचल में काफी हर्ष है. वह नरही स्थित आदर्श इण्टरमीडिएट कॉलेज के संस्थापक प्रबंधक स्वर्गीय बालेश्वर राय की पौत्री तथा सतेंद्र कुमार राय उर्फ सदन राय की बेटी हैं. प्रिया कुमारी एमबीए की पढ़ाई कर अपने जीवन की पारी खेलने की कोशिश की. लेकिन उन्हें दिल्ली की भागदौड़ वाली जिंदगी रास नहीं आई. उन्होंने मेरठ विश्वविद्यालय एलएलबी का कोर्स किया. उसके बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही थी. सिविल सेवा में यह उनकी तीसरी कोशिश थी. जिसमे वह कामयाब रहीं. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार सहित गुरुजनों व अपने मामा हरिशंकर राय (एसोसिएट प्रोफेसर) को दी है.

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