हल्दी (बलिया)। विवेकानद सरस्वती विद्या मंदिर बघौंच बाबूवेल के प्रांगण में गुरुवार को आज के बदलते संस्कार विषयक संगष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी के मुख्य अतिथि डॉ. फ़तेह चन्द बेचैन ने कविता के माध्यम से संस्कार एवं आज के परिवेश को समझाने का पूरा प्रयास किया. बताया गया कि स्वामी विवेकानंद सतत् विकास एवं शिक्षण सेवा संस्थान के द्वारा पुस्तकालय व वाचनालय खोला जायेगा.
विवेकानंद सरस्वती विद्या मंदिर बघौंच बाबूवेल में संगोष्टी का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर पर फूल माला अर्पित कर व दीप प्रज्वलित कर किया गया. इस दौरान नर्सरी के बच्चों ने सरस्वती वदंना गया. संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि आदित्य कुमार आंसू ने कहा कि आज जो संस्कार हमारे द्वारा दिया जा रहा है वह घातक सिद्ध होगा. नर्सरी टीचर ट्रेनिंग के संचालक व संस्थान के सचिव डा.सुनील कुमार ओझा ने कहा कि शीघ्र ही इस संस्थान को भव्य पुस्तकालय व वाचनालय मिलेगा. जिससे बुजुर्ग व नौजवानों को जोड़ा जायेगा, ताकि जनरेशन गैप के चलते युवाओं में जो कुरितियां आ रही है, उसे रोका जा सके. समय-समय पर संगोष्ठियां भी आयोजित की जायेगी.
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कार्यक्रम की अध्यक्षता का रहे अरविन्द कुमार तिवारी ने कहा की आज के समाज में जो अंग्रेजी के चलते अंग्रेज जिन्दा है ऐसा देखने को मिल रहा है. कारण अंग्रेज लोग क्रूर थे. हमारे संस्कार और समाज को रौंदने का काम किये. वही हम अपने संस्कार को भूल कर उनकी तरह के ही संस्कार अपना रहे है. कार्यक्रम के संचालन कर रहे डॉ दिनेश ठाकुर ने कहा की हम लोगो को भी बदलना पड़ेगा. अगर नहीं बदले तो हम लोगों को ही भुगतना पड़ेगा. कार्यक्रम में मुरलीधर मिश्र, विमलेश उपाध्याय, प्रभुनाथ यादव, भरत प्रसाद, मुन्ना ठाकुर, परमात्मा चौबे, रविन्द्र तिवारी अखिलेश ओझा, मदन चौबे, उदय ओझा, पप्पू तिवारी, सूर्य प्रकाश सिंह यादव, अमर नाथ ओझा आदि ने अपने अपने विचार प्रगट किया. विद्यालय के प्रबंधक योगेन्द्र नाथ ओझा ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया.