अगले साल तक उपलब्ध हो सकता है बलिया में पत्रकार भवन – डीएम

बलिया। आजादी के पहले भी पत्रकारिता थी. लेकिन उस समय स्वतंत्रता पाने के लिए पत्रकारिता थी. अब जन सामान्य तक विचारों को पहुंचाने के लिए पत्रकारिता की जाती है. पत्रकारिता में व्यवसाय भी जुड़ गया है, जिसे बढ़ाने के लिए ज्ञानवर्धक व रोचक तथ्यों का होना बहुत जरूरी है. क्योंकि अखबार व पत्रिकाओं पर सभी को ज्यादा विश्वास होता है. इसके माध्यम से सब अपना ज्ञान बढ़ाना चाहते हैं. शायद यही कारण है कि कुछ खास वर्गों में अंग्रेजी अखबार ज्यादा बिकते हैं. लेकिन हम हिन्दी पत्रकारिता में सुधार कर जनसामान्य के लिए ज्ञान को बढाने वाली बातें डाल सकते हैं. जिससे हम सभी को लाभ पहुंचेगा.
उक्त बातें जिलाधिकारी सुरेंद्र विक्रम ने हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर टाउन हाल में आयोजित गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि कहीं. बताया कि कक्षा 12 उत्तीर्ण करने के बाद के 06 माह निर्णय लेने का काफी अहम समय होता है. ऐसे में पत्रकारिता उनके लिए काफी सहायक होती है. पत्रकारिता के द्वारा उनको सही राह दिखाया जा सकता है. इसके लिए जरूरी है कि हम रोचक व ज्ञानवर्धक तथ्यों को परोसा जाए. इसका बड़ा कारण यह भी है कि अखबार पत्रिकाओं पर सबका पूरा विश्वास रहता है. यह भी कहा कि अखबार में व्यवसाय के काॅलम बढने चाहिए. जिससे आय में बढ़ोत्तरी हो. जमाना डिजिटल का है. लिहाजा पत्रकारिता के माध्यम से इसका संदेश समाज में भी फैलना चाहिए. संगोष्ठी में अपर पुलिस अधीक्षक रामयज्ञ यादव व उपजिलाधिकारी अरविंद कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किये. अध्यक्षता श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष अनुप हेमकर ने किया. संचालन हरिनारायन मिश्र ने किया. इस अवसर पर यूनियन के सभी सदस्य गण मौजूद रहे.
निर्भय होकर करें काम, रहेगा पूरा सहयोग
जिलाधिकारी ने पत्रकार बन्धुओं को भरोसा दिलाया कि पत्रकारिता में अगर कहीं भी कोई बाधा आती है तो उसके लिए हमेशा तैयार रहूंगा. जहां भी पत्रकारों के दायित्व निर्वहन में पुलिस प्रशासन के सहयोग की जरूरत होगी, मिलेगा. जिलाधिकारी ने स्वयं भी पत्रकारिता अनुभव को भी सबसे साझा किया और जरूरत पड़ने पर हरसम्भव सहयोग का भी भरोसा दिलाया.
अगले साल तक उपलब्ध हो सकता है पत्रकार भवन
हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में पत्रकारों द्वारा ’पत्रकार भवन’ के प्रस्ताव पर जिलाधिकारी ने भरोसा दिलाया कि इसके लिए पूरी गम्भीरता से प्रयास किया जाएगा. सम्भवतः अगले साल हिन्दी पत्रकारिता दिवस मनाये जाने तक ये भवन तैयार भी हो सकता है.