संकीर्तन से आत्मबल व कथा श्रवण से अन्तःकरण का शुद्धिकरण

रेवती (बलिया)। नगर के उत्तर टोला स्थित नवनिर्मित दुर्गा मंदिर प्रांगण में चल रहे नौ दिवसीय शिव-शक्ति प्राण प्रतिष्ठात्मक महायज्ञ के चौथे दिन यज्ञाधीश व कथा वाचक शिवेश्वर दास ने कहा कि भगवान का नाम हमें आत्मबल प्रदान करता है तथा कथा सुनने से अंतःकरण की शुद्धि होती है. श्री राम जन्म की रोचक कथा सुनाते हुए कहा कि असत्य पर सत्य की विजय के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्म हुआ था. मानव जीवन के लिए भगवान ने स्वयं अवतार लेकर इस जीने की कला से अवगत कराया.

मानस मर्मज्ञ बाल व्यास शक्तिपुत्र महाराज ने कहा कि मानव को अपने कर्तव्य के प्रति सजग रहना चाहिए. जैसा कर्म मानव करता है भगवान उसको वैसा ही फल देते हैं. शिव चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि आदि देव भगवान भोलेनाथ तथा जगत जननी माता दुर्गा जब -जब पाप का ताप बढ़ जाता है. तब-तब यही शक्तियां पाप का नाश करती हैं. मंडप परिक्रमा में भारी भीड़ रही. यज्ञाचार्य पं.सुनील शास्त्री के दिशानिर्देश में सभी मूर्तियों का जलाधिवास किया गया. यज्ञ को सफल बनाने में अतुल पांडेय बबलू, पुष्पराज तिवारी पप्पू, कैलाश राय, काशीनाथ राय, निफिकिर राय, विक्रमा राय, प्रेम शंकर राय आदि लगे रहे.

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