विश्व के बढ़ते तापक्रम को नियंत्रित करने की भारत करे अगुवाई : डॉ.जगदीश शुक्ल

बलिया। गांधी महाविद्यालय, मिड्ढा, बलिया के प्रांगण में बुधवार को जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेंद्र सिंह, प्रख्यात अंतराष्ट्रीय मौसम वैज्ञानिक पद्मश्री प्रो. जगदीश शुक्ल तथा डॉ. अविनाशचंद्र पांडेय, पूर्व कुलपति बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी का नागरिक अभिनन्दन किया गया.

कु. ज्योति शर्मा की वाणी वंदना से कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ. कु. दीपिका पांडेय तथा कु. सुमन प्रजापति ने अतिथियों का स्वागत गीत के माध्यम से किया. इसके बाद प्राचार्य डॉ. ओमप्रकाश पांडेय महाविद्यालय परिसर में अतिथियों का स्वागत किया. महाविद्यालय के प्रबंधक श्रीराम शुक्ल ने अतिथियों को अंगवस्त्रंम से सम्मानित किया तथा स्मृति चिन्ह प्रदान किया.

कुलपति प्रो. योगेंद्र सिंह ने राष्ट्र निर्माण में युवाओं के महत्व को रेखांकित किया. आज उन्हें लोकतंत्र की रक्षा के लिए जागरूक नागरिक बनने का सन्देश दिया. मौसम वैज्ञानिक पद्मश्री प्रो. जगदीश शुक्ल ने मानव के दैनिक जीवन के द्वारा पर्यावरण पर बढ़ते तनाव एवं दबाव की चर्चा की. इनके द्वारा हो रहे जलवायु परिवर्तन एवं उसके दुष्प्रभाव को बताते हुए उन्होंने छात्रों को इसके प्रति सतत यथेष्ट प्रयत्नरत रहने का सन्देश दिया.

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बुदेंलखंड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. अविनाश चंद्र पांडेय ने इक्कीसवीं सदी में नैनो टेक्नोलॉजी के महत्व को रेखांकित किया. बताया कि नैनो टेक्नोलॉजी के प्रयोग से भविष्य के उपकरण और हल्के तथा सुरक्षित होंगे. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे चन्दन ग्रामीण विकास संस्थान के अध्यक्ष डॉ. राम गणेश उपाध्याय ने छात्रों को अपने प्राथमिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपने उत्तम भविष्य के निर्माण तथा जागरूक नागरिक बनने को प्रेरित किया. आगन्तुक अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के संरक्षक महेंद्र प्रताप शुक्ल ने तथा संचालन डॉ. प्रमोद शंकर पांडेय ने किया.

पद्मश्री प्रो. जगदीश शुक्ला ने कहा कि पूरी दुनिया का तापमान वर्तमान में 15 डिग्री सेल्सियस है, जो वातावरण दूषित होने की वजह से पिछले सौ सालों में 16 डिग्री हो गया है, जो पूरा विश्व के लिए बहुत ही चिन्ता का विषय है. पूरा विश्व इसके नियंत्रण के लिए कार्य कर रहा है. मैं चाहता हूं कि भारत इस क्षेत्र में विश्व का प्रतिनिधित्व करें. गांधी महाविद्यालय के प्रबंधक श्रीराम शुक्ल की तारीफ करते हुए कहा कि शिक्षा के प्रति इतनी ईमानदारी विरले ही लोगों में देखने को मिलती है.

विशिष्ट अतिथि बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी के पूर्व कुलपति डॉ.अविनाश चंद पाण्डेय ने भारत में उच्च शिक्षा के गिरते स्तर पर चिन्ता जताते हुए कहा कि यूएस और जापान, भारत की जनसंख्या और क्षेत्रफल में बहुत छोटे हैं, लेकिन वहं हजारों की संख्या में विश्वविद्यालय स्थापित हैं, जबकि भारत मे सिर्फ 500 विश्वविद्यालय हैं, जिसकी वजह से शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है. भारत सरकार को इस पर गम्भीरता से विचार करने की जरूरत है.

मुख्य अतिथि जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया ने जनपद में कार्य करने की चुनौती को स्वीकार करते हुए कहा कि विवि चलाने और बनाने में बहुत अन्तर है. मुझे विवि बनाने का गौरव प्राप्त हुआ है जिसमें काफी कठिनाइयां भी हैं, लेकिन यहां के लोगों द्वारा जो सहयोग मिल रहा है. उससे मुझे विश्वास ही कि जल्द विवि बन कर तैयार हो जायेगा. बलिया की तारीफ करते हुए उन्होनें कहा कि भारत का एकमात्र जनपद बलिया ऐसा है, जहां ज्ञानपीठ के तीन-तीन पुरस्कार मिले हैं. डॉ. केदार नाथ सिंह डॉ. अमरकांत एवं डॉ. कृष्णबिहारी मिश्र जैसे विभूतियां शामिल हैं.

कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ.रविभूषण मिश्र, डॉ.पंकज तिवारी, अविनभव पाठक, डॉ.अभिषेक सिंह, डा.संकुलता श्रीवास्तव, डॉ.मीरा पाण्डेय, डॉ.तृप्ति, डॉ.राजेश शुक्ल, अंशु सिंह, पूर्व प्रधान भूनेश्वर सिंह, शिवानंद दुबे, नारायण जी शुक्ल आदि मौजूद रहे.  सांस्कृतिक कार्यक्रम में पूजा सिंह, इलियास खा, दीपिका एवं सुमन प्रजापति के प्रस्तुति को खूब वाहवाही मिली.