गाजीपुर। मुहम्मदाबाद तहसील के करइल की कैश क्राफ्ट प्याज की खेती का रकबा इस वर्ष काफी कम हो गया है. इसका प्रमुख कारण रबी की बुवाई देर से होना तथा इसके भाव में पिछले साल काफी गिरावट भी है. बाढ़ एवं असमय हुई बरसात के कारण करइल में रबी की बुआई काफी देर से हुई, जिससे हरे मटर का रकबा कम हुआ.
हरे मटर के बाद उसी खेत में दोहरे लाभ के लिए प्याज की खेती होती है. पिछले वर्ष करइल में प्याज की खेती काफी अधिक पैमाने पर हुई थी, लेकिन भाव 400 से 500 रूपये प्रति कुन्तल होने के कारण किसानों का लागत मुल्य भी नहीं निकल पाया. इस लिए करइल के किसानों का मोह इस खेती से भंग हो गया है. इसका सबसे बडा सबूत है कि नर्सरी अच्छी न होने के कारण इसके पौधे काफी कम भाव में बिक रहे हैं.
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इसकी खेती में लागत काफी अधिक होती है, लगभग प्रति बीघा 20 से 25 हजार का खर्च पड़ जाता है. करइल इलाके में करीब नौ हजार बीघे के क्षेत्रफल में प्याज की खेती होती है, पर इस बार इसका रकबा आधा हो गया है. किसानों ने कहा कि इसके भण्डारण व व्यापारियों के कमी के कारण पिछले वर्ष हमें बहुत नुकसान उठाना पड़ गया था, इसलिए मजबूरी में हमें इसकी खेती कम करनी पड़ी.