रसड़ा (बलिया) से संतोष सिंह
विधान सभा चुनाव की तिथि घोषित हो जाने के बाद भी भाजपा भासपा गठबंधन का प्रत्यासी घोषित न किए जाने से चर्चाओं का बाजार गरम रहा. बसपा ने उमाशंकर सिंह एवं सपा ने दर्जा प्राप्त मंत्री सनातन पाण्डेय को प्रत्याशी घोषित कर चुनावी तैयारी प्रारम्भ कर दिया है. स्थानीय भाजपा-भासपा गठबंधन के कार्यकर्ता उहापोह में है कि आखिर गठबंधन के तहत ये सीट किस के खाते में जायेगी.
भाजपा की तरफ से दर्जनो टिकट दावेदार एड़ी से चोटी जोर लगाए हुए है. वहीं भासपा से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके कांग्रेस से भाजपा में आने वाले रमेश सिंह उर्फ़ राजू भी भाजपा से टिकट के लिये प्रबल उम्मीदवार है. वहीं भासपा के भी टिकट के कई दावेदार लाइन में लगे है. पिछले विधानसभा में भाजपा के फायर ब्रांड नेता रामइकबाल सिंह से अधिक मत भासपा के उमीदवार ने पाया था. इसलिए इस सीट पर भासपा की दावेदारी बनती है. यही नहीं, भासपा का गठन भी रसड़ा से ही हुआ तथा राष्ट्रीय कार्यालय भी रसड़ा स्थित मिरानगंज में है. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा एवं भासपा के मतों को मिला दिया जाये भाजपा एवं भासपा, बसपा एवं सपा की टक्कर देकर लड़ाई को तिकोण होगी.
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सूत्रों की माने तो भासपा इस विधान सभा सीट पर चुनाव लड़ने से पीछे हट रही है. वहीं जनपद की सिकन्दरपुर एवं बासडीह विधानसभा पर दावेदारी जता रही है. यही कारण है की इस तरह की समस्याएं अन्य जनपदों में भी है. इसीलिये भाजपा का टिकट का घोषणा में देरी हो रही है. जितना ही देर होगा इस गठबंधन के लिये नुकसानदायक होगा. वहीं पहली बार सपा एवं कांग्रेस का गठबंधन हो जाने से कांग्रेस का पंजा इस बार विधान सभा में नहीं दिखाई देगा. भाजपा एवं भासपा की प्रत्याशी घोषित हो जाने के बाद ही लड़ाई की तसवीर साफ़ होगी.