रसोई गैस के लिए बैरिया में बवाल, चक्का जाम

बैरिया (बलिया)। एक सप्ताह से रसोई गैस के लिए रात दो बजे से सुबह तक जूझने के बाद निराश खाली हाथ वापस लौट रहे उपभोक्ताओ का धैर्य मंगलवार को जवाब दे गया. परमार्थ गैस एजेन्सी के गोदाम के बगल में बीबीटोला-शहीद स्मारक मार्ग पर अपने खाली सिलिन्डरों के साथ उपभोक्ता चक्का जाम कर दिए और एजेन्सी प्रबन्धन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.

हालात ऐसे बने कि आवागमन पूरी तरह ठप हो गया. कई लोगों की ट्रेन छूटी. लोग फंसे रहे. आन्दोलित कर्णछपरा के दीपक सिह, शोभाछपरा के अभिज्ञान सिह, शुभनथही के मनीष मिश्र, झण्डाभारती के मठिया के राजेश भारती, लुटईपुर के गोलू मिश्र सहित दूर दराज के गावों से आए सैकड़ों उपभोक्ताओं का आरोप था कि सिलिन्डर पीछे दो से तीन किग्रा कम गैस मिलता है. ठेले से वितरित करने वाले सिलिन्डर पीछे रसीद  पर छपे मूल्य से 30 से 100 रुपये तक अधिक लेकर व वजन दो से तीन किग्रा कम गैस देते हैं.

हालांकि रसीद मे छपे मूल्य में ही घर तक पहुंचाने का भाड़ा भी शामिल होता है. किसी भी ठेले पर वजन करने वाली मशीन कभी नहीं देखी गई. यहां रात से ही लाइन लगाओ और एजेन्सी के संचालक दबंगई दिखाते हुए कहते है कि जाओ जहां शिकायत करना हो कर लो. हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. लुटईपुर के गोलू मिश्र ने बताया कि वह शुक्रवार से रोज रात में दो बजे से ही आकर लाइन में लग जाते हैं. रविवार को गोदाम पर अपने चहेतों को लाइन से अलग हटा कर सिलिन्डर दिए जाने पर जब उन्होंने विरोध किया तो उन्हें अंदर ले जाकर कर्मचारियों ने झांगी से पीटा.

संगठित होकर आन्दोलित लोग मौके पर किसी सक्षम अधिकारी के आने की मांग कर रहे थे. दो घण्टे तक जाम  व आवागन ठप रहने पर वहां पहुंचे चौकी प्रभारी बैरिया विजय प्रताप आन्दोलित लोगों को रास्ता जाम करने पर मुकदमा दर्ज करने का भय दिखाए. साथ ही भरोसा दिए कि बुधवार को सभी को गैस मिल जाएगा. इसके बाद लोगों ने जाम खोला. इस बाबत परमार्थ गैस एजेन्सी के संचालक मण्डल केपीआर सिंह से पूछा गया तो उनका कहना था कि गैस की गाड़ी नहीं आई है. 36 हजार से अधिक कनेक्शन है, समस्या तो आ ही जाती है. बाकी सब आरोपों को उन्होंने बेबुनियाद बताया.

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उधर, उपभोक्ताओ का कहना था कि क्षेत्र में कोटवा व कर्णछपरा में भी एजेन्सियां खुली हैं. अगर इतने ज्यादा कनेक्शनों को यह एजेन्सी सुविधाजनक ढंग से आपूर्ति नहीं कर पा रही है, तो कनेक्शनों को नजदीकी एजेन्सियों पर ट्रान्सफर कर दिया जाए.