औरंगाबाद (बिहार)। नवीनगर प्रखंड स्थित नरारी कला खुर्द थानाक्षेत्र में जीडीसीएल कंपनी के श्रमिक की हादसे में मौत के बाद साथी मजदूरों ने काम बंद कर दिया. इस हादसे के बाद सोमवार रात शुरू हुआ हंगामा मंगलवार को भी जारी रहा. एनपीजीसी परियोजना में बगैर खाए- पिए 18 घंटे तक काम ठप कर सभी श्रमिक बैठे रहे. सभी एजेंसियों का काम हंगामे की वजह से पूरी तरह बंद रहा और दिन भर तनाव की स्थिति बनी रही.
इस दौरान बिजली परियोजना का काम रुके रहने से कंपनी को लगभग पांच करोड़ का अनुमानित घाटा उठाना पड़ा. उधर, इंटक के बैनर तले आंदोलन करते हुए परिजनों को दस लाख रुपए देने की मांग की गई. लगातार मान-मनौव्वल के बाद भी बात नहीं बनते देख कंपनी प्रबंधन ने मजदूरों की बात मान ली, तब जा कर गतिरोध दूर हुआ. जीडीसीएल कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर संजय बनर्जी ने एक लाख रुपए का चेक, 40 हजार रुपए नगद देने के साथ ही मजदूर के शव को गांव भिजवाने की बात कही.
मृतक की पत्नी सुषमा देवी को चेक और नगद राशि सौंप दी गई. प्रोजेक्ट मैनेजर ने बीमा के तहत दस लाख रुपये से ज्यादा का मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया. इसके बाद ही मजदूरों ने प्रदर्शन शांत किया और यहां से हटे. इंटक के जिलाध्यक्ष उपेन्द्र यादव ने बताया कि मृतक के परिवार के एक सदस्य को जब तक कंपनी का काम होगा, तब तक काम देने का भी आश्वासन मिला है. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया.
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सोमवार की रात मजदूर आनंद लाल यादव कंपनी में ड्यूटी खत्म कर लौट रहा था. इसी दौरान एरा कंपनी की मिक्सचर मशीन की गाड़ी की चपेट में वह आ गया और उसकी मौत हो गई. मजदूर उत्तर प्रदेश के बलिया का रहने वाला था. एनपीजीसी में 12 कंपनियां काम करा रही है. सभी कंपनियों के मजदूरों ने काम नहीं किया. बातचीत के दौरान तत्काल सहायता के रूप में कंपनी की ओर से एक लाख रुपये का चेक दिया गया. एनपीजीसी के एचआर विभाग के द्वारा मृतक की पत्नी को 40 हजार रुपये नगद सहायता भी दी गई.