बलिया लाइव संवाददाता
सिकन्दरपुर (बलिया)। जिस प्रकार हम मुंह से भोजन व नाक से हवा ग्रहण कर ऊर्जा प्राप्त करते हैं. उसी तरह कुंड में हवन जलाने से प्रकृति को ऊर्जा मिलती है, जिससे वह ठीक तरह से समय से प्रत्येक ग्रह नक्षत्रादि को हमें प्रदान कर संबल दे. यह विचार है वनखंडी नाथ मठ सेवा समिति डूंहा के अध्यक्ष स्वामी ईश्वर दास ब्रह्मचारी का वह परम धाम परिसर में चल रहे महायज्ञ व विशाल गुरु पूजा कार्यक्रम के तहत भक्तों के बीच अपने उद्गार प्रकट कर रहे थे.
यज्ञ से ही मिलता है परलौकिक शक्तियों का अनुभव
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ब्रह्मचारी जी ने कहा कि जिस जीव ने संत महात्मा का दर्शन नहीं किया वह आजीवन जीव ही बन कर रह जाता है. जबकि संत दर्शन करने वाले जीव की अनंतकाल में सदगति होती है. कहा कि यज्ञ से धरती के समस्त जीव धारियों को ऊर्जा मिलती है. साथ ही हमें आध्यात्मिक पारलौकिक शक्तियों के अनुभव भी मिलता है.