रसड़ा (बलिया) | गांधी पार्क में शनिवार को बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवास के अवसर पर श्रदांजलि सभा आयोजित की गयी. वक्ताओं ने वर्तमान चुनौती हमारा कर्तव्य संघर्ष पर चिंतन कर बाबा साहब के सपनों का भारत समता मूलक समाज बनाने के लिए आगे आने का आह्वान किया.
कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहब के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया. बतौर मुख्य अतिथि राघवेन्द्र ने कहा की बाबा साहब हमेशा ही समता मूलक समाज का निर्माण करने के लिए संघर्ष करते रहे. यही कारण है की संविधान निर्माण कर सबको सम्मान सबको बराबरी का अधिकार का हक़ दिलाया. अपने कर्मों के बल पर बाबा साहब को आज भारत ही नहीं, पूरा विश्व समुदाय में आदरणीय है.
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अरविन्द मूर्ति ने कहा कि बाबा साहब की सोच थी कि एक ऐसा धर्म चाहिए, जो समता स्वत्रंतता बंधुत्व पर आधारित हो. एक दूसरे के सामान आचरण करे. रामभवन ने कहा कि बाबा साहब सामाजिक परिवर्तन के साथ साथ आर्थिक परिवर्तन चाहते थे. कहा कि राजनीतिक अधिकार तो प्राप्त हो गया है, परन्तु अभी भी सामाजिक आर्थिक क्षेत्र में विषमता का ही बोलबाला है. जब तक ये दूर नहीं होगा, तब तक बाबा साहब का सपना साकार नहीं होगा. इस मौके पर सदानन्द गौतम उर्फ़ राजा, बलीरामजी रावत, विनोद कुमार राम, शिवकुमार राम, डॉ. बालचन्द राम, मनोज कुमार भारती, संतोष कुमार भारती, जगरनाथ राजभर, श्यामसुंदर, अभिमन्यु कुमार, श्याम कृष्ण गोयल आदि ने विचार व्यक्त किये. अध्यक्षता आयोजक पूर्व प्रधान महेन्द्र राम तथा संचालन सुमन्त बागी ने किया.