‘प्रभु’ नहीं, असली राम के भरोसे है रसड़ा स्टेशन

बलिया लाइव न्यूज नेटवर्क

रसड़ा (बलिया)। बलिया जनपद की सबसे पुरानी तहसील रसड़ा का रेलवे स्टेशन पर सहूलियत के नाम पर बताने लायक कुछ भी नहीं है. भले रेल राज्यमंत्री कितना भी चिल्लाएं कि पूर्वांचल में वे और उनकी सरकार सहूलियतों का अंबार लगाने जा रही है, मगर रसड़ा के हिस्से में कुछ भी नहीं आया. ले देकर दो प्लेटफार्म हैं. प्लेट फ़ार्म नम्बर 2 पर ना ही शौचालय की व्यवस्था है, ना स्वच्छ पानी की और तो और धुप से बचने के लिए छत तक नहीं है. इस कारण यात्रियों को रसड़ा स्टेशन पर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. टिकट खिड़कियों की बात करें तो टिकट को लेकर आये दिन यात्रियों में मारपीट होती है. हांलाकि आवाश्यकतानुसार खिड़कियों की भी मांग की गई थी और उस मांग को पूरी करने के लिए रेलवे कर्मचारियों ने आश्वासन भी दिया था, लेकिन आज तक उस बात पर ध्यान नही दिया गया. विगत कुछ दिन पहले रेल राज्यमंत्री जी का बलिया में आगमन हुआ था. आगमन के दौरान बड़ी ऊंची ऊंची बातें कही गईं. खासकर बलिया की उत्तम व्यवस्था के लिए. लेकिन धरातल पर कुछ भी पूरे जिले में नजर नहीं आ रहा. सच्चाई तो यह है कि बलिया के हर रेलवे स्टेशन की हालत शर्मनाक है. रेलवे स्टेशनों पर प्राइवेट वाहनों का ठहराव भी जोरों पर चल रहा है. इस पर प्रशासन की नज़रें बिलकुल नहीं हैं. अगर साफ़ सफाई की बात की जाए तो यहां जगह जगह कूडे का ढेर है.

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