Har Ghar Tiranga Abhiyan: Tricolor available in all 350 post offices of Ballia

हर घर तिरंगा अभियान: बलिया के सभी 350 डाकघरों में उपलब्ध हुआ तिरंगा

हर घर तिरंगा अभियान: बलिया के सभी 350 डाकघरों में उपलब्ध हुआ तिरंगा

बलिया. जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि देश में आजादी की अमृत महोत्सव के अंतर्गत स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश के प्रत्येक नागरिक को अपने घर एवं प्रतिष्ठानों पर झंडा फहराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

“नौकरी से सेवा निवृत्त हुए है, हमारे दिलों से नहीं”

उपडाकघर बाँसडीह के प्रांगण में सेवा निवृत ग्रामीणडाक सहायक के विदाई समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि उप डाकपाल सुनील उपाध्याय ने रुंधे गले से कहा कि नौकरी में आना व जाना तो लगा ही रहता हैं.

सिकंदरपुर डाकघरः कर्मचारी चाहिए 5, तैनात हैं सिर्फ दो, खामियाजा भुगत रही पब्लिक

सिकंदरपुर मुख्य डाकघर में कर्मचारियों की कमी से उपभोक्ताओं को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बलिया में डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र दूसरे फेज में खुलेगा

बलिया सांसद भरत सिंह के प्रयास पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जिले में डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र स्थापित करने की हरी झंडी दे दी है.

एक पोस्टमास्टर बेचारा, क्या क्या करे, बोरा सिलाई करे, कागजी कार्रवाई करे या टिकट बेचे…

डाकघरों से होने वाले व्यवसाय में रानीगंज उपडाकघर जिले के टॉप टेन डाकघरों में अग्रणी है. बावजूद इसके विगत दो माह से इस डाक घर पर दुर्व्यवस्था का बोल बाला है.

बिटिया निधि की कामयाबी पर मम्मी-पापा सेलिब्रेशन मोड में

छितौनी नारायनपुर निवासी अधिवक्ता शिवजी तिवारी की पुत्री कु. निधि त्रिपाठी का चयन समीक्षा अधिकारी के पद पर होने से परिवार समेत गांव में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी.

तीन दिन से बन्द है उप डाकघर रानीगंज बाजार

उप डाकघर रानीगंज बाजार पर विगत तीन दिनों से ताला लटका हुआ है. लोग अपने जरूरी कार्यों को लेकर यहाँ आकर काफी इन्तजार करने के बाद निराश वापस लौट रहे हैं.

बांसडीह में नोटबंदी के दो महीने बाद भी हालात नहीं बदले

नोट बंदी लागू होने के कई हफ्ते बाद भी बांसडीह स्थित बैंकों की हालत जस की तस बनी हुई है. एक दो बैंक शाखाओं को छोड़ कर सभी की हालत खराब है. डाकघर में तो नोटबंदी के बाद से आज तक लेन देन ही नहीं हुआ.

ग्रामीण इलाकों के बैंकों में दलाल सक्रिय, बढ़ी दुश्वारी

नोट बंदी के दो हफ़्तों से अधिक समय बीत जाने के बाद भी ग्रामीण अंचलों के बैंकों द्वारा भुगतान न किये जाने से लोगों की समस्यायें कम होने का नाम नहीं ले रही है. ग्रामीण अंचलों के बैंकों पर दलालों का कब्जा है, ग्राहक प्रतिदिन बैकों का परिक्रमा कर निराश होकर बैंक कर्मियों को खरी खोटी सुनाकर लौट जा रहे है. जबकि सरकार लोगों की समस्याओं के दूर करने के लिए रोज कोई न कोई नया आदेश पारित कर रही है.

नोट बंदी – बैंक तक पैसे पहुंच हीं नहीं रहे, तो दें कहां से…

कहने के लिए बांसडीह में भारतीय स्टेट बैंक, पूर्वांचल बैंक, यूनियन बैंक, इलाहाबाद बैंक व डाकघर भी है, लेकिन नोट बंदी के बाद तीन बैंकों को छोड़कर अन्य एक बैंक व डाकघर में पैसे का कोई लेनदेन नहीं हो पा रहा है.

एक डाकघर ऐसा, जहां बिना बकझक काम नहीं होता

स्थानीय प्रधान डाक घर के कर्मचारियो के मनमाने रवैया से आम जन मानस के साथ साथ खाता धारकों को भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.

जब नोट ही नहीं पहुंचा, नवानगर डाकघर में बदले कैसे

नवानगर शाखा डाकघर व उससे संबंधित शाखा में नोट बदलने की अब तक व्यवस्था नहीं की जा सकी है. इससे नोट बदलने के लिए परेशानी ईलाकाई लोगों में विभागीय उपेक्षा के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है.