लोग सूती अउरी कुकुर भुकि, तब चौबाइन के बीजे होखि

मेरे घर के पीछे पद्मदेव पाण्डेय का मकान था. पद्मदेव पाण्डेय उस जमाने में गाँव के एक मात्र पढ़े लिखे व्यक्ति थे. वह भी Bsc , MA , L.L.B. मेरी माँ और उनकी पत्नी का आपस में बहनापा था.