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हाल ही में जिलाधिकारी ने समय से कार्यालय आने की दी थी चेतावनी
अचानक हुए निरीक्षण से अधिकारियों-कर्मचारियों में मचा हड़कम्प
बलिया। मुख्य विकास अधिकारी बद्रीनाथ सिंह ने गुरूवार को विकास भवन स्थित कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान एक दर्जन जिला स्तरीय अधिकारियों समेत कुल 30 अनुपस्थित मिले. सीडीओ ने सभी का स्पष्टीकरण तलब किया है. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर एक दिन का वेतन काटने की बात कही है. जिलाधिकारी ने अभी हाल ही में सभी अधिकारियों को 9 से 11 बजे तक जनसुनवाई करने व कर्मचारियों को समय से कार्यालय में हाजिर रहने की चेतावनी जारी की थी.
सीडीओ बद्रीनाथ सिंह 10 बजते ही अचानक कार्यालयों की तरफ रूख कर दिया. नीर निर्मल परियोजना कार्यालय में डीपीएम हेमंत कुमार, टीसीपीसी काशिफ मुमताज, मानवेंद्र यादव, अनिल चौरसिया, रंजीत पांडेय, धीरेंद्र प्रताप सिंह गायब थे. मनरेगा ऑफिस में एपीओ कामेश्वर सिंह, जिला विकास कार्यालय में डीडीओ शशिमौली मिश्रा व प्रशासनिक अधिकारी देवेंद्र प्रसाद गैरहाजिर मिले. समाज कल्याण अधिकारी तिलकधारी, दिव्यांग कल्याण अधिकारी केके राय, डीपीआरओ शेषदेव पांडेय व एडीओ पंचायत अविनाश कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ अशोक कुमार भी गायब थे. अर्थ एवं संख्याधिकारी मु. सादुल्लाह, सहायक संख्याधिकारी राजेश कुमार, नीरज कुमार, राजेश राय, हरेंद कुमार, विजय प्रकाश वर्मा, आनंद चौरसिया भी गैरहाजिर थे. लघु सिंचाई विभाग में सहायक अभियंता केशव राम, डीआरडीए में सहायक अभियंता रामराज मौर्य, आरईएस विभाग में एक्सईएन टीएन राय व एई डीके शुक्ला भी अनुपस्थित थे. अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय में वरिष्ठ सहायक रामकरन, युवा कल्याण अधिकारी रमेशचन्द सिंह यादव, उप निदेशक कृषि इन्द्राज, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता शिवजी यादव भी कार्यालय में नहीं मिले. सीडीओ ने साफ कहा कि बार-बार निर्देश के बावजूद इस तरह अधिकारियों कर्मचारियों का गायब रहना अत्यंत आपत्तिजनक है. इससे शासकीय कार्य के प्रति घोर लापरवाही झलकती है. अनुपस्थित रहने के सम्बन्धित स्पष्टीकरण तलब करते हुए सचेत किया है कि जवाब संतोषजनक नहीं होने पर वेतन रोक दिया जाएगा.