लमुही, नगवा व उदयपुरा में भी ‘चोटीकटवा’

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रेवती/दुबहड़ (बलिया)।  जनपद में विभिन्न स्थानों पर चोटी कटने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है. सोमवार को दुबहड़ के नगवा व उदयपुरा तथा रेवती के लमुही गांव में भी चोटीकटवा सुर्खियां तलाशता नजर आया. 

रेवती प्रतिनिधि के मुताबिक स्थानीय थाना के लमुही गांव में सोमवार की रात चोटी कटने की एक घटना प्रकाश में आयी है. उक्त गांव निवासी उपेंद्र पासवान की पत्नी ममता देवी (28) सोमवार की रात करीब 8 बजे खाने के पश्चात अपनी रिहायशी झोपड़ी में सो रही थी. ममता की मानें तो रात 12 बजे के करीब उसके बाल के आधा हिस्से की चोटी के खींचे जाने जैसा महसूस हुआ. ममता ने बताया कि बाद में देखा गया कि उसके चोटी के बाल एकतरफा काट लिए गए हैं. उसके बाद से सर भारी, सर में दर्द तथा चक्कर आना महसूस होने लगा तथा वह बेहोश हो गई. कुछ देर बाद होश आने पर उसका व्यवहार असामान्य था.

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चोटी काटे जाने के बाद ममता गुस्से में थी. उसे देखने पहुंची महिलाओं को उसने असमान्य रूप से आंखे तरेरते हुए डांट दिया. महिलाएं डर कर भाग गईं. असामान्य स्थिति को देख उसे सीएचसी पर भर्ती कराया गया. रामधारी पासवान, पीड़िता ममता के ससुर, लमुही  

किसी शरारती तत्व द्वारा यह कृत्य किया गया होगा. इस कारण पीड़िता बुरी तरह भयभीत होने की वजह से असमान्य अवस्था में आ गयी है – डॉ. प्रवीण कुमार यादव (चिकित्सक, रेवती)

दुबहड़ प्रतिनिधि के मुताबिक दुबहड़ थाना अन्तर्गत नगवां एवं उदयपुरा गांव में भी चोटीकटवा की दहशत है. रविवार की देर रात नगवां एवं उदयपुरा में अलग अलग दो युवतियों के लगभग एक ही तर्ज़ पर चोटी के बाल कट गए.

नगवां गांव स्थित स्व० मुन्ना तुरहा की पुत्री कुमारी सरिता ( 18) नित्य की तरह खाना खाकर परिवार की अन्य लड़कियों के साथ सो गई. सुबह 5 बजे जब जगी तो देखा कि उसके चोटी के बाल कटे हुए हैं. घबड़ाकर वह इसकी सूचना अपने मां बुचिया देवी को बताई. पीड़ित लड़की सरिता की मां बुचिया देवी ने बताया कि रविवार की रात 9 सोते समय उनकी बेटी सरिता डरी सहमी थी. रात 12 बजे जब जगी तो उस समय भी इसे भय लग रहा था. जब सुबह 5 बजे जगी तो चोटी कटा देखकर घबड़ा गई. चोटी कटने की घटना पूरे गांव में आग की तरह फैल गई. पीड़ित लड़की के घर पर लोगों विशेषकर महिलाओं की भीड़ जुट गई. सभी ने अपने अपने स्तर से चोटी कटने की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त किया. पड़ोस की लड़कियां शांति, किरन, रिजवाना आदि पीड़ित लड़की सरिता की चोटी कटने से भयभीत थीं.
इधर, उदयपुरा गांव में शालू वर्मा (17) पुत्री अवधेश वर्मा रविवार की रात खाना खाकर छत पर सोने चली गई. सुबह जब सोकर उठी तो देखा कि उसके चोटी के बाल कटकर छप्पर पर बिखरे पड़े हैं. उसने चोटी कटने की बात अपने परिजनों को बताया. चोटी कटने की सूचना पाकर आस-पास के ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठी हो गई. सभी लोग अपने अपने तरह से चोटी कटने की घटना पर अलग अलग कयास लगा रहे थे. 

प्रथम द्रष्टया चोटी कटने की घटना महज एक अफवाह ही लगती है, लेकिन चोटी कटने की घटना अफवाह या साजिश फैलाने की कोशिश है या कुछ और….. यह तो गहराई से छानबीन करने के बाद स्पष्ट हो जाएगा. बिना किसी पुख्ता प्रमाण के इस प्रकार के अफवाहों पर ध्यान नहीं दें. बिना पुख्ता सबूत के यदि कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का अफवाह फैलाने की कोशिश करता है तो उसके विरुद्ध विभिन्न संगत धाराओं के अन्तर्गत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. – अशोक कुमार पांडेय, दुबहड़ थानाध्यक्ष,  मौका मुआयना करने के बाद