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औवाझार बहे पुरवाई,
तब जानो बरखा ऋतु आई
बलिया। अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा, बलिया के प्राचार्य एवं भूगोलविद् डा गणेश पाठक ने एक भेंट वार्ता में बताया कि अभी-अभी दोपहर 2.30 बजे बलिया में भी मानसून पूर्व वर्षा अर्थात प्री मानसून का आगमन पुरवा हवा के तीव्र झोकों के साथ हो गया है. जिसके संबंध में महाकवि घाघ ने भी कहा है कि
औवाझार बहै पुरवाई,
तब जानौ बरखा ऋतु आई.
अर्थात जब पुरवा हवा झकझोर कर तेज गति से बहे और उसके साथ वर्षा हो तो यह समझना चाहिए कि वर्षा ऋतु आ गयी है. एक अन्य कहावत में भी घाघ ने लिखा है कि-
औवा बौवा बहे बतास,
तब होवै बरखा के आस.
अर्थात जब हवा झकझोर कर कभी इधर, कभी उधर, कभी तेज एवं कभी मंद गति से प्रवाहित हो तो यह समझना चाहिए कि वर्षा अवश्य होगी.
वर्षा के आगमन के संबंध में घाघ ने एक अन्य कहावत में भी कहा है
छिन पुरवैया , छिन पछियाव,
छिन छिन बहै बवूला बांव.
बादर ऊपर बादर धावै,
कहैं घाघ पानी बरसावै.
अर्थात जब क्षण भर के लिए पूर्वी हवा बहे और दूसरे ही क्षण पछुवा हवा बहने लगे, बार- बार बवंडर उठने लगे एवं बादल के ऊपर बादल दौड़ने लगे तो यह समझना चाहिए कि अब वर्षा होगी.
महाकवि घाघ द्वारा वर्णित उपर्युक्त तीनों कहावतों में व्यक्त तथ्यों के आधार पर तो यह कहा जा सकता है कि अब मानसून का आगमन होने वाला है. वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर भी देखा जाय तो ऐसा लगता है कि प्री मानसून वर्षा हो रही है, और दो-तीन दिन तक ऐसी स्थिति अगर बनी रह गयी तो मानसून का पूर्णरूपेण आगमन बलिया में 30 जून तक हो जायेगा.