62 लाख डकार गए, मगर पीने के पानी तक के मोहताज

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

नगवा से कृष्णकांत पाठक

pathak_50मुख्यमंत्री की घोषणा के अंतर्गत स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम शहीद मंगल पांडेय के पैतृक गांव नगवा में ओवरहेड टैंक युक्त पेयजल आपूर्ति के लिए एक करोड़ 62,04,000 रुपये शिफ्ट किए गए. उत्तर प्रदेश जल निगम के निर्माण खंड ने अगस्त 2007  में कार्य प्रारंभ किया. छह साल में यह काम अगस्त 2013 में जाकर पूरा हुआ. इस योजना का उद्देश्य इलाके के 8679 लोगों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना था. इस  टैंक की क्षमता 450 किलोलीटर है. इसकी ऊंचाई 16  मीटर है. यह जल योजना प्रारंभ होने से शहीद के गांव के लोगों में बड़ी खुशी थी कि आर्सेनिक से प्रभावित इस जनपद के इस गांव के लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया होगा. परंतु शुद्धिकरण (वाटर प्यूरीफायर) का कोई उपकरण नहीं होने के चलते यहां से पानी सीधे सप्लाई किया जाता है, जो पीने योग्य नहीं होता. इस पानी का इस्तेमाल सिर्फ कपड़े धोने या सिंचाई के लिए किया जा सकता है. इस पानी से धोए गए कपड़े भी पीले पड़ जाते हैं. इसकी शिकायत कई बार ग्रामीणों ने संबंधित अधिकारियों से की लेकिन कोई कारगर कार्रवाई नहीं हुई. अधिशासी अभियंता हरिंदर कई बार नगवा आए तो पर शिकायतों का निस्तारण नहीं किए.

खेतों में भी दे दिया कनेक्शन
लोगों ने कनेक्शन तो लिया, परंतु इसका इस्तेमाल बगवानी तथा खेतों में सिंचाई के लिए करते हैं. क्योंकि यह पानी पीने योग्य ही नहीं होता. इसलिए उत्तर प्रदेश जल निगम निर्माण खंड ने कोई लोगों को कनेक्शन खेतों में भी दे दिया है.

water tank nagwa ballia 1

जल आपूर्ति की कोई समय सीमा निर्धारित नही
पानी टंकी पर तैनात कर्मचारी सुबह या शाम को कितने बजे से कितने बजे तक तथा कितनी अवधि तक जल आपूर्ति करेगा. इसकी कोई समय सीमा तय नहीं है. मनमाने ढंग से जलापूर्ति किए जाने से ग्रामीण परेशान हैं, जब लोग सुबह नित्य क्रिया से निवृत्त हो लेते हैं तब आपूर्ति शुरू होती है और वह कभी-कभी दोपहर तक भी जारी रहती है. शाम को भी जल आपूर्ति का कोई समय निर्धारित नहीं है. यहां तक कि पानी टंकी के पास जो सूचना बोर्ड भी लगा हुआ है उस पर किसी अधिकारी का मोबाइल नंबर स्पष्ट नहीं है, आखिर लोग कैसे और किससे शिकायत करें. विभागीय अधिकारी ने कभी भी पानी टंकी का दौरा नहीं किया. यहां के लोगों की इकलौती उम्मीद की किरण अब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हैं, यदि वे कभी यहां का दौरा करते हैं तो लोग इसकी शिकायत उनके यहां दर्ज करवाएंगे.