
ऊँ कार वातावरण को शुद्ध करता है – कुलपति प्रोफेसर कल्पलता पाण्डेय
बलिया. जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के परिसर में योग दिवस पर कुलपति प्रो. कल्पलता पाण्डेय ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ऊँ कार वातावरण को शुद्ध करता है. जितने ऊँ कार की ध्वनि होगी उतने वातावरण शुद्ध होगा. उन्होंने कहा कि जब भी ऑफिस में आए तो एक बार ऊँ कर की ध्वनि अवश्य होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि तीन बार ऊँ कार करने से आप ईश्वर के साथ जुड़ जाते हैं और अपना कार्य ईश्वर के साथ जुड़कर करें.
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आठवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय के योग एवं नेचुरोपैथ विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर नीरज कुमार पाण्डेय ने आसनों का लाभ बताते हुए कहा कि आजकल भागदौड़ की जिंदगी में व्यक्ति अपने को स्वस्थ नहीं रख पा रहा है. किसी व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य का अर्थ है कि शरीर किसी बीमारी से प्रभावित नहीं है. आसनों के जिक्र करते हुए भ्रामरी प्राणायाम के बारे में बताया कि अगर आप डिप्रेशन से ग्रसित है तो भ्रामरी प्राणायाम इसका रामबाण उपचार है तथा वज्रासन के लाभ बताते हुए कहा कि यह एक ऐसा आसन है जो भोजन करने के उपरांत किया जाता है. कपालभाति प्राणायाम की चर्चा करते हुए कहा कि इसके नियमित अभ्यास से वजन कम होता है. यह प्राणायाम मस्तिष्क में से नकारात्मक विचारों को निकालकर सकारात्मक विचारों का निर्माण करता है .
इस कार्यक्रम में चीफ़ प्राक्टर डॉक्टर अरविन्द नेत्र पाण्डेय, कुलसचिव संत लाल पल,डाॅ साहेब दूबे, संकायाध्यक्ष, वाणिज्य, डाॅ देवेंद्र सिंह, संकायाध्यक्ष, शिक्षा संकाय, डाॅ दयालानंद रॉय, संकायाध्यक्ष, छात्र कल्याण ने भी योग में सहभागिता की.
इस अवसर पर निदेशक शैक्षणिक डॉ. पुष्पा मिश्रा , एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रियंका सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अजय चौबे, सहायक प्राध्यापक डॉ रानू पाल, डॉ. अपराजिता उपाध्याय, डॉ. राघवेन्द्र पाण्डेय, डॉ. खुशबू दुबे, डॉ. शैलेन्द्र कुमार सिंह, , डॉ. अमित कुमार सिंह, डॉ. शाकुंतला श्रीवास्तव, डॉ. लाल विजय सिंह, ऋतम्भरा, नलिनी सिंह, डॉ. तृप्ति तिवारी , डॉ मनीषा सिंह सहित विश्वविद्यालय के छात्र, एन सी सी कैडेट और कर्मचारियों सहित अन्य ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया.
(बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट)