- सपा कार्यकर्ता की बैठक में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने यह बात कही
- राज्य में 2022 में सपा सरकार बनाने का कार्यकर्ताओं से किया आह्वान
बांसडीह : पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने में सरकार मर्दानगी नहीं दिखा रही है. अपनों पर गोलियां बरसा रही है. अंग्रेजी हुकूमत में भी तानाशाही नहीं रही. ये बातें बांसडीह विधानसभा क्षेत्र के विधायक और नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने अपने क्षेत्र में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर सरकार पर निशाना साधा.
बता दें कि विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र के तूफानी दौरे में जगह – जगह समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं.
नेता प्रतिपक्ष ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आप लोगों को लगना होगा. मुंहतोड़ जवाब देना होगा.
‘राम गोविंद जीतिए के ,का करिहें औरी के ना जितावे के पड़ी..’ (राम गोविंद जीत हासिल करके ही क्या करेंगे, औरों प्रत्याशियों को भी न जिताना होगा).
ये बातें किसी जनसभा में नहीं बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद ने रखी. उन्होंने कहा कि लामबन्द होना होगा. लोकतंत्र, संविधान का अस्तित्व नहीं रहेगा, तानाशाही रहेगी तो निश्चित लड़ाई आर – पार की होगी.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पेट पालने की बात पर जेल जाइये, बात रखने, धरना प्रदर्शन पर लाठी चार्ज, आंसू गैस, पानी का बौछार नहीं, सीधे गोली मारी गयी. इसमें मुसलमान मारे गए. जिनके पुरखों ने आजादी की लड़ाई लड़ी और हिन्दुस्तान बना.
उन्होंने कहा कि सरकार के सामने देश और प्रदेश की जनता को अपनी बात रखने का अधिकार है. सरकार जब बनती है तो शपथ ली जाती है कि जनकल्याण का काम करेंगे, भेदभाव नहीं करेंगे.
विधायक ने कहा कि यहां तो भेदभाव का ही साम्राज्य स्थापित है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमने विधानसभा में योगी जी से कहा कि प्रदर्शनकारी एक बजे ज्ञापन देकर चले गए. 6 बजे मुंह बांधकर लोग आए आगजनी कर चले गए.
उन्होंने कहा कि ऐसे पाखंड की राजनीति करने वालों के मंसूबों को बेनकाब करने की जिम्मेदारी समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के ऊपर है.
सभा को सपा नेता हरेद्र सिंह, अशोक यादव, संकल्प सिंह, डॉ. जगदीश, नवीन मिश्र, ब्रजेश मिश्र, अमित मिश्रा बड़क, चन्दन सिंह, धर्मेंद्र मणिक, ब्रजेश पांडेय, दिनेश, उदय बहादुर सिंह, शिवनरायन राय, प्रवीण मिश्र, बिजय चौधरी, ओमप्रकाश गोंड़, राजगिरिहि यादव, जितेंद्र सिंह, सुनील, राजेश साहनी, उमेश यादव, हृदयशंकर तिवारी संबोधित किया.
अध्यक्षता रामशंकर यादव और संचालन रविन्द्र सिंह ने किया.