
- इंसिडेंट कमांडर के रूप में मौजूद डीएम के नेतृत्व में हुआ अभ्यास
- डीएम ने की अपील, अधिक से अधिक लोग बचाव के तरीकों को जानें
बलिया: दैवीय आपदा, खासकर भूकंप आने पर क्या करें- क्या नहीं, टीडी कालेज परिसर में मॉक ड्रिल (अभ्यास) कर बताया गया. आपदा में सावधानी और बचाव के विभिन्न तरीके बताए गए.

इंसिडेंट कमांडर के रूप में मौजूद डीएम श्रीहरि प्रताप शाही के नेतृत्व में यह एक्सरसाइज हुई. आग लगने, भूकम्प आने, ऊपरी मंजिलों पर लोगों के फंसे होने व अन्य आपदा के समय बचाव के लिए हुए ऑपरेशन काफी रोमांचक भरे रहे.
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इस दौरान वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा पर किसी का बस नहीं चलता. यह कब और किस रूप में आएगी इसका कोई समय नहीं होता.
उनके मुताबिक कुछ सावधानियां बरत कर उसके प्रभाव को जरूर कम किया जा सकता है.उन्होंने कहा कि जानकारी ही बचाव है. किसी आपदा से बचने के लिए उसके बारे में जानकारी निहायत जरूरी है.

उन्होंने कहा कि यह तभी होगा जब लोगों को आपदा से बचाव और सावधानियों की जानकारी होगी. ऐसे मौके एक्सरसाइज में लोगों को समय निकालकर आना चाहिए और उन सावधानियों की जानकारी लेनी चाहिए.
जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे विभाग, जिनसे आपात स्थिति में मदद ली जा सकती है, उनके पास मौजूद संसाधनों के साथ एक सूची बना लेने को कहा और हमेशा रूटीन में ऐसा अभ्यास करते रहने की सलाह दी.

उन्होंने अभ्यास करने वाले जवानों, स्काउट गाइड व अन्य लोगों की सराहना की. एएसपी संजय कुमार ने कहा कि भूकंप एक ऐसी आपदा है जिसमें बहुत समय नहीं मिलता है.
आपात स्थिति में अगर जागरूक हो, बचाव की कुछ जरूरी जानकारी हो तो काफी हद तक जानमाल की रक्षा कर सकते हैं. उन्होंने आपात स्थिति पैदा होने से लेकर बचाव के विभिन्न तरीके समझाए.

पशु विभाग के चिकित्सक ने अचानक आए भूकम्प की स्थिति में पशुओं के बचाव के बारे में बताया.
इस अवसर पर एडीएम रामआसरे, एसडीएम बेल्थरारोड राजेश यादव, डिप्टी कलेक्टर मोती लाल यादव, कोतवाल विपिन सिंह, टीएसआई सुरेशचंद द्विवेदी, अग्निशमन विभाग के अधिकारी आदि मौजूद थे.

प्रैक्टिकल करके दिखाये टीम में शामिल लोगों ने
मॉक ड्रिल के दौरान टीडी कालेज के फील्ड में अलग-अलग स्टाल लगाकर सावधानी और बचाव के बारे में बताया गया. मेडिकल एडपोस्ट, इंसीडेंट कमांड पोस्ट, लॉजिस्टिक सेक्शन, ऑपरेशन सेक्शन, प्लानिंग सेक्शन, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, अग्निशमन विभाग समेत राहत में लगे रहने वाले विभागों ने स्टाल लगाकर बचाव के तरीके समझाये.

आग लगने पर या भूकंप आने पर ऊपरी मंजिल पर फंसे लोगों को बचाने के तरीके दिखाये गये. आपदा के दौरान पेड़ गिरने पर उसे जेसीबी और कटर मशीन से तत्काल हटाकर दिखाया गया.

डीएम ने भ्रमण कर हर सेक्शन का अवलोकन किया. राष्ट्रीय सचल चिकित्सा इकाई व समस्त सेक्शन द्वारा किए जाने वाले राहत कार्य के बारे में विस्तृत जानकारी ली.