व्यक्तित्व विकास में भावना की अहम् भूमिका: प्रो.निर्मला एस. मौर्य

कार्यक्रम के संयोजक व मुख्य वक्ता डॉ. रसिकेश ने कहा कि भावनाओं को रणनीतिक तरीके से संतुलित किया जा सकता है , भावनाओं को हमेशा सम्हालकर और लोगों को समझकर जिंदगी को आसान किया जा सकता है. कार्यक्रम में कहानी हाउस हाउस का मंचन किया गया.