कल्पना को जमीन पर उतारने वाले कर्मयोगी थे लौह पुरुषः कुलपति

कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि देश को एकता के सूत्र में बांधने का श्रेय लौह पुरुष को ही जाता है. वह सिर्फ कल्पना करने वाले व्यक्ति नहीं, बल्कि कल्पना को जमीन पर उतारने वाले कर्मयोगी थे. हिमालय जैसी दृढ़ इच्छाशक्ति और नेतृत्व क्षमता के कारण ही देश ने उन्हें सरदार माना. वह हमेशा कहते थे कि आम प्रयास से हम देश को एक नई दिशा दी जा सकती है जबकि एकता की कमी हमें नई आपदाओं में डाल देगी.