भगवती की बात को सुनकर राक्षस राजी हो गया और शाम होते ही नाला खोदना शुरू कर दिया. अभी वह सोनाडीह से कुछ दूरी पहले तक ही नाला खोद पाया था कि सूर्योदय हो गया.
किंवदंती है कि 1876 से पहले वाली जब यह स्थान गाजीपुर जिला में हुआ करता था, उस समय कोरंटाडीह को तहसील बनाया गया था. तहसील के निर्माण कार्य में यह मंदिर बाधक बन रहा था.
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