साल 1977 में आपातकाल के दौरान लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में देश में एक नई क्रांति लाना हो या वर्तमान समय में भी युवा तुर्क पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर जी से लेकर के पंडित जनेश्वर मिश्र तक बलिया देश पटल पर ही नहीं बल्कि विश्व पटल पर अपनी पहचान कायम रखा है.