बतकही लकड़सुंघवा टू बच्चा चोर वाया मुंहनोचवा-चोटीकटवा मेरी टेंशन की वजह दूसरी भी थी. जिस मकान में हम रह रहे थे, वह यूपी कॉलेज के एक प्रतिष्ठित प्रोफेसर का मकान था. इलाके में भी सम्मानित लोग थे Share PLEASE:WhatsAppTweetTelegram