भगवती प्रसाद द्विवेदी ‘बलिया गौरव’ व प्रो पृथ्वीराज सिंह ‘महर्षि भृगु सम्मान’ से सम्मानित

हम बाहर बाहर चाहे जो भाषा बोल लें, लेकिन घर में भोजपुरी का ही प्रयोग करें

भोजपुरी के प्रसिद्ध लोक गायक बृज ठाकुर नहीं रहे

भोजपुरी के ख्याति प्राप्त गायक बृज ठाकुर का गुरुवार की रात उनके पैतृक गाँव भुवालछपरा नौरंगा में निधन हो गया. वह 65 वर्ष के थे और कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे.

भोजपुरी केवल भाषा नहीं, उन्नत संस्कार भी है – उदय बहादुर सिंह

प्रगतिशील भोजपुरी समाज के सदस्यों की एक बैठक स्थानीय कृपाजल पब्लिक स्कूल के प्रांगण में हुई. इसमें वक्ताओं ने कहा कि भोजपुरी केवल मातृभाषा ही नहीं, इसमें उन्नत संस्कार भी पड़े हैं.

भोजपुरी फिल्मों का आईएसआई कनेक्शन, जानकर रह जाएंगे हैरान

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के पैसे से नेपाल में भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्रीज का संचालन हो रहा है. आईएसआई ने ही नेपाल में बनी भोजपुरी फिल्म “रफ्तार” के लिए ब्रजकिशोर गिरी को पैसे उपलब्ध कराए थे.

पनिया के जहाज से पलटनिया बनके जइहऽ…. हमके ले के अइहऽ हो…..पिया सेनूरा बंगाल के

अंगुलि में डसले बिया नागिनिया रे, ननदी सैंया के जागा द. सासु मोरा मारे रामा, बास के छेवकिया, कि ननदिया मोरा रे सुसुकत, पनिया के जाए, जैसे कई लोक प्रिय धुन जब सुनाई पड़ती हैं तो बरबस ही इन गीतों के रचियता पंडित महेंद्र मिश्र (महेंदर मिसिर) की याद हर भोजपुरी भाषा-भाषी के लोगों को आ ही जाती है.

भोजपुरी की थाती, बलिया के गौरव वीरेंद्र सिंह धुरान नहीं रहे

नारदीय शैली के महान गायक भोजपुरी परंपरा की पहचान भोजपुरी बेल्ट के सगे वीरेंद्र सिंह धुरान काका नहीं रहे. बुधवार शाम लगभग पांच बजे उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा.

खेती और बेटी को बढ़ावा देने की जरूरत – प्रो. योगेंद्र सिंह

जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया के कुलपति योगेन्द्र सिंह ने कहा कि विश्व के 18 देशों में भोजपुरी भाषा बोली जाती है. 25 करोड़ की आबादी भोजपुरी को अपनी मातृभाषा मानती है. बावजूद भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में आज तक शामिल नहीं किया गया, जो सोचनीय प्रश्न है.

‘मधु ऋतु मधुर-मधुर रस घोले, मधुर पवन अलसावे हो रामा…’

बसंत पंचमी बीत गई फागुन चल रहा है, अब चौपाल से उठते चौताल और फाग के बीच ढोलक के सुर नहीं सुनाई देते हैं. अब तो लोग कैलेंडरों पर ही तारीख और दिन देख-देखकर निर्भर रहते हैं. गांव हो या नगर बस यही लगता है कि बिसर गईल फाग भूल गई चाईता.

विधायक ने नए साल पर दी फ्री वाई फाई की सौगात

कोटवारी स्थित सिद्दिकिया इण्टर कॉलेज के मैदान में लखनेश्वर महोत्सव आयोजित किया गया. जनपद के अलावा अन्य जनपदों व बिहार के भोजपुरी कलाकारों ने गीत के द्वारा उपस्थित श्रोताओं को रात भर झुमाया. बतौर मुख्य अतिथि विधायक उमाशंकर सिंह, विशिष्ट अतिथि ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि सतीश सिंह, जिला सदस्य प्रतिनिधि विनय राजभर, प्रबन्धक विनोद कुमार सिंह ने फीता काटकर शुभारम्भ किया.

साहित्य के पुरोधा के गांव को तारणहार का इंतजार

लोक साहित्य व संस्कृति के पुरोधा, भोजपुरी के शेक्सपियर का गांव कुतुबपुर काश. स्थानीय सांसद व केन्द्रीय राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी के सांसद ग्राम योजना के तहत गोद में होता तो शायद पुरोधा के गांव को तारणहार की प्रतीक्षा नहीं होती. गंगा नदी नाव से उस पर छपरा से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित कुतुबपुर गांव आज भी अंधेरे में है. कार्यक्रमों की रोशनी व राजनेताओं का आश्वासन भी उस गांव को रोशन नहीं कर सका.

भोजपुरी लोकधुन लहरों के राजहंस भिखारी ठाकुर

असीमीत जमीनी जानकारी, सपाट शैली व अलौकिक इल्म ने तब के ‘लोकगायक’ भिखारी ठाकुर को अंतर्राष्ट्रीय उंचाई दी. अति सामान्य इस व्यक्ति की लोक समझ, शोध प्रबंधों का साधन बन गई. भोजपुरी के प्रतीक भिखारी ठाकुर अपनी प्रासंगिक रचनाधर्मिता के कारण भारतीय लोक साहित्य में ही नहीं, सात समुंदर पार मारीशस, फीजी, सूरीनाम जैसे देशों में भी अत्यंत लोकप्रिय हैं.

दिन फिरने का बाट जोह रहा बिल्थरारोड स्टेशन

आय के मामले में अव्वल स्थान रखने वाले बिल्थरारोड रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधा न होने कारण यात्रियों को दुश्वरियों का समान करना पड़ रहा है. इन असुविधाओं को लेकर भोजपुरी लोक कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्त ने गुरुवार को रेल मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र भेजा.

डॉ.विवेकी राय का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन

हिंदी और भोजपुरी के प्रख्यात आंचलिक साहित्यकार डॉ. विवेकी राय का पार्थिव शरीर मंगलवार की शाम मोक्ष तीर्थ मणिकर्णिका घाट पर पंचतत्व में विलीन हो गया. मुखाग्नि छोटे पुत्र दिनेश राय पोते एश्वर्य राय, यशवन्त राय एवं आनन्द राय ने दी.

डॉ. विवेकी राय को श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा

प्रख्यात साहित्यकार व यश भारती से सम्मानित डॉ. विवेकी राय का मंगलवार को सुबह वाराणसी मे निधन हो गया. सुबह से ही उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है. इसी क्रम में रेल राज्य मंत्री / संचार राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा ने वाराणसी पहुंच कर परिजनों से शोक संवेदना प्रकट करते हुए उनके पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके आत्मा की शांति के लिए परमात्मा से प्रार्थना की.

भोजपुरिया मिजाज की थाती विवेकी राय चल दिए

यश भारती से सम्मानित विख्यात साहित्यकार डॉ. विवेकी राय का वाराणसी में लंबी बीमारी के बाद मंगलवार की भोर 4.00 बजे निधन हो गया. बड़ी बाग मुहल्ला निवासी डॉ. विवेकी राय की तबियत एक सप्ताह से खराब चल रही थी. उन्हें वाराणसी के एक अस्पताल में भरती कराया गया था. हालत गंभीर होने के कारण उन्हें वाराणसी स्थित गैलेक्सी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था.