सिद्धाश्रम बक्सर जाते वक्त राम ने किया कष्टहरणी का दर्शन

त्रेतायुग में भगवान राम, लक्ष्मण महर्षि विश्वामित्र के साथ अयोध्या से सिद्धाश्रम बक्सर जाते समय यहां पर रूक कर मां कष्टहरणी का दर्शन पूजन किए थे. उसके पश्चात कामेश्वर नाथ धाम कारो जो बलिया एवं गाजीपुर के सीमा पर स्थित है, वहां पहुंचने का प्रमाण है.

दैहिक-दैविक-भौतिक सब ताप हरती हैं मां कष्टहरणी

गाजीपुर जनपद में मुहम्मदाबाद-चितबड़ागांव मार्ग पर करीमुद्दीनपुर थाने के समीप मां कष्टहरणी देवी का धाम आस्था, श्रद्धा व विश्वास से सराबोर अपनी पहचान बनाये हुए है. सदैव अपनें भक्तों के कष्टों को हरने वाली देवी मां का नाम ही है मां कष्टहरणी. जिन्हें दया की सागर, ममतामयी, करूणामयी आदि रूपों की देवी भी कहा जाता है.

साक्षात माता के समान होती हैं कन्याएं

नवरात्र में शक्ति स्वरूपा मां भगवती के आराधना का तो महत्व है ही. इस दौरान कन्या पूजन का महत्व भी कम नहीं होता है. धर्म ग्रन्थों में कुमारी पूजा को नवरात्र का अनिवार्य अंग कहा गया है. यही नहीं, इस दरम्यान पूजी जाने वाली कन्याओं को देवी का प्रतीक बताया गया है.

राम-केवट संवाद का मार्मिक प्रस्तुतिकरण

शारदीय नवरात्र के पहले दिन नगर सहित ग्रामीण अंचलों में देवी के मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का रेला लगा रहा. वही घरों में कलश स्थापना कर मां देवी की पूजा अर्चना प्रारम्भ हो गया.

अफवाहों से बचें और बेफिक्र हो त्योहार मनाएं

बैरिया थाना परिसर मे सोमवार को क्षेत्राधिकारी त्रयंबक नाथ दुबे की अध्यक्षता में मुहर्रम व दशहरा पर्व को शान्तिपूर्ण सम्पन्न कराये जाने के मद्देनजर शान्ति समिति की बैठक हुई.

शांति समिति की बैठक में उठा खस्ताहाल सड़क का मुद्दा

दशहरा व मोहर्रम के मद्देनजर रविवार को शान्ति समिति की बैठक पुलिस चौकी सीयर के प्रांगण में आयोजित की गयी. बैठक में नगर निवासी खालिद जहीर ने जामा मस्जिद के समीप रास्ता खराब होने तथा नाले की पटिया टुटने, चन्दायर बल्लीपुर निवासी इकबाल ने रास्ते की समस्या, और पशुहारी निवासी मु़ अब्बासी ने बिजली के तार नीचे लटके होने आदि की समस्या उठाई.