blog vichar kranti batakahi

सारे बवाल की जड़ तो ‘मन का काम’ न मिलना ही है

शिक्षा की बेहतरी के लिए कितनी पुस्तकें हैं, कितने ही दार्शनिक सिद्धांतों और पद्तियों का आविष्कार किया गया. कितने धर्मों की स्थापना हुई और कितनी शिक्षा पद्तियां अपनाई गईं. लेकिन वो सभी शिक्षा पद्तिया सही मायनों में असफल हो गईं.