
नगरा,बलिया. नगरा क्षेत्र के निकासी ग्राम पंचायत में निर्माण कार्यों की हुई जांच में निवर्तमान महिला प्रधान पर गंभीर आरोप लगे हैं. उनके खिलाफ करीब 4.39 लाख रुपए की सरकारी धनराशि का दुरूपयोग करने करने का मामला प्रकाश में आया है. जांच रिपोर्ट को गम्भीरता से लेते हुए डीएम ने ग्राम प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी कर एक पखवाड़े के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है.
दरअसल कुछ दिनों पहले निकासी गांव के ही हरिनाथ ने ग्राम प्रधान द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों को लेकर जिलाधिकारी बलिया को शपथ पत्र युक्त शिकायती पत्र दिया था. शिकायतकर्ता अपने शिकायती पत्र में कुल दस विकास कार्यों में ग्राम प्रधान पर हेराफेरी करने का आरोप लगाया था. इस मामले को लेकर डीएम ने प्रधान के खिलाफ ‘उपायुक्त, मनरेगा’ की अध्यक्षता में 7 अक्टूबर 2019 को त्रिस्तरीय जांच समिति बनाकर जांच की जिम्मेदारी सौंपी.
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उपायुक्त मनरेगा का पद रिक्त होने के कारण 8 अक्टूबर 2020 को नगरा ब्लॉक के नोडल अफसर सहायक अभियंता, लघु सिंचाई, बलिया को जांच सौंपी गई. नोडल अफसर ने अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण व सहायक अभियंता राजकीय निर्माण निगम बलिया के सहयोग से ग्राम पंचायत निकासी की जांच की. जांच में शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए दस आरोपों में आठ सहीं पाए गए.
जांच में सामने आया है कि ग्राम प्रधान द्वारा करीब 4 लाख 39 हजार 461 रुपए की धनराशि का दुरूपयोग किया गया है. जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट 20 दिसम्बर 2020 को जिलाधिकारी को सौंप दी है. जांच रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने 18 फरवरी 2021 को नोटिस जारी कर महिला ग्राम प्रधान से 15 दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिए है. यदि निर्धारित अवधि में ग्राम प्रधान द्वारा नोटिस का जवाब नहीं दिया जाता है तो उनके खिलाफ विधिक कार्रवाही हो सकती है.
(नगरा से संतोष द्विवेदी की रिपोर्ट)