बलिया : शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में महावीर घाट स्थित शक्तिपीठ पर चल रहे गायत्री महायज्ञ के दौरान गुरुवार की शाम को हरिद्वार से आयी प्रवचन की टोली ने अपने संगीतमय प्रवचन से बताया कि मनुष्य को क्या करना चाहिए और वे कहां भटक रहे हैं.
प्रवचनकर्ता शशिकांत सिंह ने कहा कि “किसी के काम जो आये उसे इंसान कहते हैं, पराया दर्द जो अपनाये उसे इंसान कहते हैं”. आज सभी अपनी आवश्यकताओं को लेकर भटक रहे हैं, समाज दूसरे के बारे में नहीं सोच रहा है.स्थिति यह है कि लोग दूसरे के सुख से खुद दुखी हो जा रहे हैं. ”
सिख नहीं पाये चादर ओढ़ने का ढंग रे, मैली चादर पर कैसे चढ़ पाये रंग रे,हमें मिली चादर उजली मैली कर दी,जिधर गये उधर मैने कालीख लगा दी
उन्होंने कहा कि भगवान ने सभी को शुद्ध आत्मा रूपी चादर दी लेकिन स्वार्थ में हम निरंतर भटकते चले जाते हैं. चोरी, बेईमानी, झूठ, भष्टाचार में संलिप्त होकर परमात्मा की दी हुई शुद्ध आत्मा को मलीन कर रहे हैं. मलीन मन में आसानी से सद्बुद्धि नहीं आती. हम चाहते हैं कि अध्यात्म का रंग चढ़े लेकिन मन साफ करना पड़ेगा.