–बहुत जल्द पूर्णिया सेल्टर होम के कई मामलों का खुलासा भी किया जाएगा,वहाँ की स्थिति और भी भयावह
पटना. पटना के गायघाट महिला रिमांड होम में रहने वाली लड़कियों और युवतियों के यौन शोषण मामले में छह महीने से अधिक समय तक चली जांच के बाद पटना पुलिस ने शनिवार को
बालिका गृह की प्रभारी (अधीक्षक) वंदना गुप्ता को गिरफ्तार किया. उन्हें पूछताछ के लिए महिला थाना बुलाया गया था. पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया और फिर अदालत में पेश किया गया. जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
उक्त मामले पर सबसे पहले पहल महिला विकास मंच द्वारा किया गया. महिला विकास मंच के प्रयासों का नतीजा है कि वंदना गुप्ता की गिरफ्तारी हुई है.
न्यायालय के इस फैसले का स्वागत करते हुए महिला विकास मंच ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें पूरे संगठन के तरफ से न्यायालय व सरकार को धन्यवाद दिया गया. साथ ही आगे भी ऐसे मामलों में न्यायालय त्वरित हस्तक्षेप करने की बात कही और जल्द जल्द शोषितों को न्याय दिलाने का प्रयास किया.
महिला विकास मंच द्वारा बहुत जल्द पूर्णिया सेल्टर होम के कई मामलों का खुलासा भी किया जाएगा, वहां की स्थिति और भी भयावह है. संगठन बिहार भर में कार्य कर रहा है और अब इसे सरकार और प्रशासन के सहयोग की भी जरूरत है.
प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए संरक्षक वीणा मानवी ने कहा वंदना गुप्ता की अरेस्टिंग होने ने हमे खुशी है लेकिन इस मामले में कई अन्य लोग भी संलिप्त हैं जिसकी पूरी जांच होनी चाहिए.
वंदना गुप्ता के अलावा कई अन्य लोग हैं जो अपने रसूख का फायदा उठा बचे हुए हैं जिनकी गिरफ्तारी भी जरूरी है साथ ही हमारा मकसद था उन 300 बच्चों की समुचित सुरक्षा. उन्होंने बताया आज वंदना गुप्ता के जगह कोई दूसरी महिला भी आएगी तो पुनः वही वही चीज होगी. लड़कियों को बाहर भेजा जाता था और यह बात हकीकत है.
महिला विकास मंच ने सरकार से कुछ मांगे रखी है कि इतने बड़े संख्या बच्चे या महिलाएं यहां रहती हैं जिसमें एक वार्डन से काम नहीं चलेगा हर 25 बच्चियों पर एक वार्डन और 10 वार्डन पर एक सीनियर वार्डन और फिर एक मुख्य वार्डन हो जिसकी रिपोर्टिंग सरकार सीधे खुद से ले ऐसी कोई व्यव्यस्था सरकार द्वारा हों.
महिला विकास मंच की अध्यक्ष अरुणिमा ने अपने संबोधन में कहा कि महिला विकास मंच जैसी अन्य कई संस्थाएं भी महिला उत्पीड़न के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं. इन सभी को मिला कर एक निगरानी कमेटी बनाई जो समय समय पर सेल्टर होम के अंदर जा कर लड़कियों व महिलाओं से जा कर मिल सके. ताकि जब बाहर के लोग आना जाना और बच्चों से मिलना शुरू करेंगे तो उनका भय कम होगा,संगठनों को वर्कशॉप आत्मनिर्भर बनाने के लिए मोटिवेशनल क्लासेस आयोजित करने की परमिशन दी जाय. जिससे बच्चों का समुचित विकास हो सके और पारदर्शिता बनी रहे जिससे बच्चों का भविष्य उज्जवल हो सकता है.
प्रवक्ता उषा जी ने कहा कि सरकार इस में पहले चरण में उन्होंने लापरवाही की थी लेकिन दूसरे चरण में सरकार प्रशासनिक टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने हमारा साथ दिया और इसके लिए हम सरकार में आभारी हैं.
संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी अध्यक्ष शशिधर मिश्रा जो कि चिकित्सा प्रकोष्ठ के भी प्रभारी हैं उनके द्वारा यह निर्णय लिया गया कि अगर सरकार हमें इजाजत दें तो जितनी भी तरह की फर्स्ट एड वाली दवाइयां हैं वो सेल्टर होम में बच्चों को प्रोवाइड करेंगे जो भी सर्दी खांसी बुखार कुपोषण की शिकार लड़कियां होती है. उन्हें काफी लाभ मिलेगा और उनके समय समय तमाम शेल्टर होम में हेल्थ चेकअप का आयोजन किया जा सकता है.
मौके पर राष्ट्रीय सचिव पंकज सिंह,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष फाहिमा खातून ने भी सरकार और प्रशासन के कार्य प्रणाली को सराहा व धन्यवाद दिया साथ ही पूरे संगठन के तरफ से लीगल एडवाइजर मीनू कुमारी के अथक प्रयासों का नतीजा बताया व उन्हें भी ध्यानवाद दिया.
महिला विकास मंच के रोजगार विंग की अध्यक्ष प्रीति विमल ने भी सरकार से ये अपील की है कि हमे पूरे बिहार के सेल्टरहोम के तमाम बच्चियों को कढ़ाई, सिलाई व अन्य रोजगार परक विषयों को सिखाने की परमिशन दी जाय ताकि समाज मे उत्थान में हमारा भी कुछ योगदान हों.
(सर्वेश कश्यप की रिपोर्ट)